महाकाल की सवारी में अधिग्रहण का विरोध

mahakal sawri me adhigrahan ka virodh

हाथों में तख्तियां लेकर खड़े रहे रहवासी, बाबा महाकाल को अर्पित की अर्जी

उज्जैन, अग्निपथ। महाकालेश्वर मंदिर के सामने वाले हिस्से में 10 मकानों को तोड़ दिए जाने के बाद अब 70 मीटर के दायरे में आने वाले 152 मकानों को भी अधिग्रहित करने की प्रक्रिया प्रशासन के स्तर पर तेज कर दी गई है। प्रशासन की प्रक्रिया के साथ ही रहवासियों द्वारा इसका विरोध भी तेज कर दिया गया है।

सोमवार को क्षेत्र के रहवासियों ने महाकालेश्वर की सवारी के दौरान हाथों में तख्तियां लेकर मकान अधिग्रहण पर विरोध जताया। रहवासियों ने महाकालेश्वर की पालकी में कुछ पर्चीयां भी अर्जी के रूप में अर्पित की, इन पर लिखा था- बाबा महाकाल, हम आपके बच्चें है, हमें आप अपनी शरण में ही रखिए। हम यहां से नहीं जाना चाहते।

सोमवार को कार्तिक-अहगन मास की अंतिम शाही सवारी थी। सवारी के लिए मंदिर से पालकी के बाहर आने के बाद महाकालेश्वर मंदिर क्षेत्र रहवासी संघ के सदस्यों ने मंच लगाकर पालकी का पूजन किया।

अधिकांश रहवासी अपने हाथों में तख्तियां लिए पहुंचे थे। इन पर लिखा था- 70 मीटर मंदिर का विस्तारीकरण विकास नहीं, विनाश है। बाबा महाकाल पालनहार है, 70 मीटर भवन अधिग्रहण का पूर्ण बहिष्कार है।

महाकालेश्वर मंदिर के सामने वाले हिस्से में 70 मीटर के दायरे में आने वाले 152 मकानों के अधिग्रहण के लिए जिला प्रशासन ने भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया के तहत धारा-11 के अंतर्गत सूची का प्रकाशन कर दिया है। प्रशासन ने जिन 152 मकानों को चौड़ीकरण की जद में लिया है, उनमें लगभग 350 परिवार निवास करते है।

भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया के लिए महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा हाल ही में प्रस्ताव पारित कर राज्यशासन से 152 करोड़ रूपए का मांग पत्र भी भेजा गया है। राशी स्वीकृत होने और भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी होने में कम से कम 6 महीने का वक्त लग सकता है।

इससे पहले प्रशासन का पूरा ध्यान मंदिर के सामने रिक्त हो चुकी 10 मकानों की जमीन पर निर्माण शुरू कराने का है। अधिग्रहित की गई जमीन स्मार्ट सिटी कंपनी को सौंप दी गई है।

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