दो साल से नहीं बन पाई 800 मीटर नाली जितनी बनी वह भी गुणवत्ताहीन

Berchha nali nirman 04122021

कलेक्टर के आदेश के एक साल बाद भी जाँच रिपोर्ट का पता नहीं

बेरछा, अग्निपथ। बेरछा मंडी क्षेत्र से गांव तक के पहुँच मार्ग के दोनों ओर पानी निकासी के लिए लगभग 800 मीटर लंबी नाली का निर्माण कछुआ चाल से चल रहा है। दूसरी और जहाँ निर्माण हुआ है वहाँ भी अधूरे व घटिया सामग्री के इस्तेमाल ने लोगों की परेशानी को बढ़ा दिया है।

दो साल पहले जब नाली का काम शुरू हुआ था तो आमजन तथा रहवासियों को आस बंधी थी की वर्षों से चली आ रही जन समस्या का जल्द ही निदान हो जाएगा। लेकिन निर्माण एजेंसी की लापरवाही और लेतलाली के चलते लंबे समय के बाद भी नाली का निर्माण पूर्ण नहीं हो सका था। जहाँ निर्माण हुआ है, वहां नाली की साइड व अवैधानिक चौड़ाई, पानी निकासी के लिए उचित ढलान न होने और नालियाँ खुली होने के कारण रहवासियों के लिए दो वर्षों से अधूरा घटिया नाली निर्माण परेशानी का सबब बन हुआ है।

गुणवत्ताहीन मटेरियल का उपयोग करने से कई स्थानों पर नाली टूट चुकी है। जो नाली बनी है वह भी बिना नक्शे के सर्पाकार लिए हुए है। ठेकेदार द्वारा किया जा रहे गुणवत्ताहीन निर्माण को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा अनदेखी करना कई प्रकार के सवाल खड़े कर रहा है।

वही ठेकेदार की मनमानी का आलम यह है निर्माण में लगने वाले मटेरियल गिट्टी, रेत की ढेर मुख्य मार्ग के बीच में ही लगा दिया गया है। जिससे राहगीर को दुर्घटना का भय बना है तथा आए दिन जाम की स्थित भी निर्मित हो जाती है।

धीमी चाल पर सवाल

800 मीटर के लगभग नाली निर्माण का कार्य विगत दो वर्षों में भी नहीं होने एवं गत दिनों पीडब्लूडी विभाग अंर्तगत पुन: प्रारंभ हुए नाली निर्माण को लेकर जनचर्चा यह भी है कि निर्माण एजेंसी द्वारा जान बूझकर निर्माण का कार्य धीमी गति से किया जा रहा है। जिससे गुणवत्ता पर कोई सवाल न उठे और जैसे तैसे कार्य पूरा कर के इतिश्री हो सके।

ज्ञात रहे गत वर्ष कलेक्टर दिनेश जैन ने समाचार-पत्रों में छपी खबरों पर संज्ञान लेते हुवे नाली निर्माण की जांच हेतु जनपद पंचायत शाजापुर से एक अधिकारी को भेज मामले की जाँच की गई थी। किन्तु वक्त के साथ उक्त जांच भी ठंडे बस्ते में चली गई और एक वर्ष बाद फिर शुरू हुआ घट्टिया निर्माण कार्य की मॉनिटरिंग भी नहीं हो रही है।

ज्ञात रहे जो पूर्व में लाखों की लागत से नाली निर्माण हुआ है, वह भी कई जगह बीच मे छोड़-छोड़ कर बनाई गई है। जिससे नाली निर्माण से पानी निकासी होना संभव नही है। वर्तमान में निर्माण एजेंसी के दीपक सिकरवार से निर्माण को लेकर संपर्क किया गया तो लगातार मोबाइल बंद बता रहा है।

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