महाकाल मंदिर में अब बिना वैक्सीनेशन प्रवेश नहीं

मुंह पर मास्क भी जरूरी, शंख द्वार सहित सभी प्रवेश द्वारों पर रहेगी सख्ती

उज्जैन, अग्निपथ। कोरोना का नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के संक्रमित मरीज मिलने के बाद श्री महाकालेश्वर मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं और कर्मचारियों के उपर भी सख्ती की जाने लगी है। कर्मचारियों को इस बार 3 दिन लेट सैलरी मिली है। इसके पीछे का कारण सभी कर्मचारियों द्वारा समय पर वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट नहीं देना रहा है। हालांकि वैक्सीनेशन सार्टिफिकेट पेश करने के बाद शनिवार 4 दिसम्बर को सैलरी उनके खातों में आ गई।

रविवार को मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन को पहुंचे थे। लेकिन शंख द्वार सहित 4 और 5 नंबर गेट पर सख्ती से वैक्सीनेशन सार्टिफिकेट देखा जा रहा था। जिन श्रद्धालुओं का वैक्सीनेशन नहीं हुआ उनका तत्काल वैक्सीनेशन वहीं पर बैठे स्वास्थ्यकर्मियों की टीम द्वारा किया जा रहा था। ऐसे श्रद्धालु जिन्होंने अपने मुंह पर मॉस्क नहीं लगाए थे। उनको बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा था और मॉस्क लगाने के बाद भी प्रवेश दिया जा रहा था।

वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट देने पर 3 दिन बाद मिली सैलरी

वैक्सीनेशन सार्टिफिकेट पेश नहीं करने के कारण मंदिर कर्मचारियों की सैलरी भी 3 दिन लेट हो गई। अमूमन 1 तारीख को सैलरी खातों में डल जाती है। करीब 15 दिन पहले मंदिर प्रबंध समिति ने मंदिर के सभी 323 कर्मचारियों से वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट देने को कहा था। लेकिन इनमें से कई कर्मचारियों ने नियत तिथि तक वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट पेश नहीं किया, जिसके चलते वेतन पत्रक तैयार नहीं हो पाया और कर्मचारियों को 1 तारीख को मिलने वाले सैलरी 4 तारीख को मिल पाई।

वैक्सीनेशन टारगेट पूरा करना

फिलहाल शहर के सभी लोगों का वैक्सीनेशन नहीं हो पाया है जिसके चलते बीच-बीच में महा अभियान चलाकर इस टारगेट को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। जिला प्रशासन की पूरी टीम इस कार्य में लगी हुई है। लोगों को सहूलियत प्रदान करने के लिए यहां तक कि मोबाइल टीमें भी बनाई गई है जो कि कॉल करने पर घर जाकर वैक्सीनेशन कर रही हैं। इसके बावजूद कई लोगों ने वैक्सीनेशन में रुचि नहीं ली है। जिसके चलते अभी टारगेट से दूर हैं। महाकालेश्वर मंदिर के कर्मचारियों को सैलरी वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट देने के बाद ही देना इस बात का सबूत है कि जिला प्रशासन किसी भी तरह से अपना टारगेट पूरा करने के लिए दबाव प्रभाव का इस्तेमाल भी कर रहा है। जोकि कोरोना संक्रमण के इस दौर में जिंदगी बचाने के लिए काफी अच्छा प्रयास है।

काफी पहले से मंदिर में किया जा रहा वैक्सीनेशन

श्री महाकालेश्वर मंदिर में कोरोना से बचाव के लिए श्रद्धालुओं का भी वैक्सीनेशन किया जा रहा है। ओमिक्रॉन के असितत्व में आने से पहले से ही देश प्रदेश से आए हुए श्रद्धालुओं से वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट मांगा जा रहा है। नहीं होने पर उनको प्रवेश से वंचित किया जा रहा है। जिन श्रद्धालुओं ने वैक्सीनेशन का दूसरा डोज नहीं लगवाया है। उनको मंदिर में उपस्थित जिला चिकित्सालय के स्वास्थ्य कर्मी वैक्सीन लगा रहे हैं।

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