24 लाख से ज्यादा के गबन में दोषी कार्यपालन अधिकारी को 7 साल का सश्रम कारावास

देवास, अग्निपथ। चेक में हेराफेरी कर 24 लाख रुपये से ज्यादा का गबन करने के मामले में कोर्ट ने जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति के कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) को सात साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। धोखाधड़ी का यह मामला बैंक मैनेजर की शिकायत पर किया गया था।

द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश देवास ने मंगलवार को दिए अपने फैसले में तत्कालीन सीईओ को हेमराज पिता दौलतराम को दोषी पाते हुए विभिन्न धाराओं में अलग-अलग सजा सुनाई है। हालांकि ये सभी सजाएं एक साथ चलेंगी।

मामले में अभियोजन की ओर से पैरवी करने वाले अपर लोक अभियोजक मनोज हेतावल ने बताया कि न्यायालय के विचाराधीन सत्र प्रकरण क्रमांक 208/2017 पुलिस थाना कोतवाली में आरोपी हेमराज पिता दौलतराम तत्कालीन कार्यपालन अधिकारी को दोषी पाते हुए धारा 420, भा.द.सं. में तीन वर्ष के सश्रम कारावास व 1 हजार रुपए अर्थदंड, 467, भादस में 7 वर्ष का सश्रम कारावास व 1 हजार रुपए अर्थदंड, 468 भादस में 3 वर्ष का सश्रम कारावास व 1 हजार रुपए का अर्थदंड एवं 471 भादस में 3 वर्ष के सश्रम कारावास व 1 हजार रुपए से दण्डित किया।

अभियोजन के अनुसार घटना इस प्रकार है कि अंतव्यवसायी सहकारी विकास समिति मर्यादित देवास के द्वारा 19 सदस्यों को जो चेक वास्तव में 30-30 हजार रुपए दिए गए थे, किंतु चेक में कुटरचित आधार पर 30 हजार के स्थान पर 1 लाख 30 हजार रुपए कर दिया गया था। जब इस बात की जानकारी संबंधित विभाग को लगी तो उनके द्वारा थाना कोतवाली में उनके द्वारा प्रकरण दर्ज कराया गया।

पुलिस द्वारा अनुसंधान कर प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत किया। प्रकरण में अभियोजन साक्षियों पर विश्वास करते हुए न्यायालय ने आरोपी को दोषी पाया और उक्त सजा सुनाईं। मामले में अनुसंधान अधिकारी उप निरीक्षक अजय साहसी, कोर्ट मुंशी प्रधान आरक्षक दिनेश डामोर, आरक्षक प्रीतम मिमटोट का सराहनीय योगदान रहा।

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