शासन से कार्ययोजना मंजूर होने तक जारी रहेगा संतों का आंदोलन

प्रभारी कलेक्टर को ज्ञापन देते संतजन।

षट्दर्शन संत समाज ने लगातार दूसरे दिन भी शिप्रा तट पर दिया धरना

उज्जैन, अग्निपथ। शिप्रा नदी को प्रदूषण मुक्त करने और शिप्रा जल में अन्य स्त्रोतों से आने वाला दूषित जल मिलने से रोकने की ठोस कार्ययोजना बनाने की मांग को लेकर षट्दर्शन संत समाज ने शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन शिप्रा तट दत्त अखाड़ा घाट पर धरना दिया।

शुक्रवार दोपहर प्रभारी कलेक्टर अवि प्रसाद, नगर निगम आयुक्त अंशुल गुप्ता, एडीएम संतोष टेगौर और एसडीएम संजीव साहू ने संतजनों से मुलाकात कर उन्हें शासन की कार्ययोजना की जानकारी दी और धरना समाप्त करने का आग्रह किया।

षट्दर्शन संत समाज और 13 प्रमुख अखाड़ो के प्रतिनिधियों, श्री क्षेत्र तीर्थ पुरोहित महासभा और विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारियों ने संयुक्त रूप से तय किया है कि धरना आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक कि राज्यशासन के स्तर पर शिप्रा नदी को प्रदूषण से मुक्त करने की ठोस कार्ययोजना स्वीकृत नहीं हो जाती और शासन के किसी वरिष्ठ अधिकारी या जनप्रतिनिधि द्वारा लिखित रूप से संतो को इस बारे में आश्वस्त नहीं किया जाता।

धरना आंदोलन के दूसरे दिन महंत डा. रामेश्वर दास, महानिर्वाणी अखाड़ा (महाकालेश्वर मंदिर) के महंत श्री विनीत गिरी जी महाराज, महंत श्री भगवानदास जी हनुमत आश्रम गदा पुलिया, महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी प. महेश पुजारी जी, महंत श्री काशीदास जी महाराज हनुमत आश्रम मक्सीरोड़, महंत श्री मुकुंदपुरी जी, महंत श्री विशालदास जी रामनाम सेवा आश्रम, महंत श्री राघवेंद्र दास जी, महंत श्री गुप्तगिरी जी, विश्व हिंदू परिषद के वरिष्ठ पदाधिकारी महेश तिवारी जी, श्री क्षेत्र तीर्थ पुरोहित महासभा के अध्यक्ष प. राजेश त्रिवेदी, केसरसिंह पटेल, तीर्थ धर्माधिकारी प. नारायण जी उपाध्याय, प. वासुदेव जी शास्त्री, कृषि उपज मंडी व्यापारी संघ के अध्यक्ष और शिप्रा शुद्धीकरण न्यास के सदस्य गोविंद खंडेलवाल आदी प्रबुद्धजनों ने धरने को संबोधित किया।

राज्यशासन के प्रतिनिधि के रूप में प्रभारी कलेक्टर अवि प्रसाद, नगर निगम आयुक्त अंशुल गुप्ता, एडीएम संतोष टैगोर, एसडीएम संजीव साहू ने संतजनों को बताया कि राज्यशासन ने इंदौर से आकर शिप्रा में मिलने वाले दूषित जल को रोकने के लिए त्रिवेणी के नजदीक स्थाई स्टापडेम बनाने का निर्णय ले लिया है।

जल्द ही इस पर काम शुरू हो जाएगा। इसके अलावा अधिकारियों ने संतजनों को बताया कि इंदौर से आने वाले दूषित जल को नहर के माध्यम से डायवर्ट करने की योजना वाली मांग को शासनस्तर तक पहुंचाया जाएगा।

प्रशासन के आश्वासन के बाद बैठक करते संतजन व पुजारी।
प्रशासन के आश्वासन के बाद बैठक करते संतजन व पुजारी।

जिला अधिकारियों के आश्वासन के बाद षट्दर्शन संत मंडल के सदस्यों की अगुवाई में तीर्थ पुरोहित महासभा, शिप्रा शुद्धिकरण न्यास, विश्वहिंदू परिषद पदाधिकारियों की दत्त अखाड़ा घाट पर ही बैठक आयोजित की गई।

इस बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया कि शासन की ओर से शिप्रा शुद्धीकरण की ठोस कार्ययोजना पर साधु-संतो से चर्चा नहीं की जाती और जब तक शासन के वरिष्ठ अधिकारी अथवा जनप्रतिनिधि लिखित आश्वासन नहीं देते तब तक संतजनों और विभिन्न संगठनों का धरना प्रदर्शन जारी रहेगा। संतजन व शहर की धार्मिक-सामाजिक संस्थाओं द्वारा प्रतिदिन दत्त अखाड़ा घाट पर सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे के बीच धरना आंदोलन जारी रहेगा।

शुक्रवार को शिप्रा शुद्धीकरण के लिए हो रहे आंदोलन के दूसरे दिन प्रमुख रूप से महंत रामानंद जी सोहम आश्रम, महंत गजानंद जी सरस्वती दंडी सेवा आश्रम, महंत मुकुंदपुरी जी, महंत निर्मूलानंद जी, महंतहनुमान दास जी, महंत परमेश्वरदास जी शास्त्री, महंत श्री सेवानंद गिरी जी आवाहन अखाड़ा, महंत श्री विद्याभारती जी, महंत देवगिरी जी नीलगंगा, महंत देवपुरी जी रणजीत हनुमान, महंत मंगलदास जी, महंत हरिहरदास जी रसिक, महंत रामदास जी, महंत अनुपम रामस्नेही जी, महंत गुप्तगिरी जी, महंतक्षमापुरी जी, महंत ऋषिपुरी जी, महंत राघवेंद्र दास जी, महंत रूपकिशोर जी रसिक, महंत रामदास जी, महंत श्री महेशदास जी आदी संतजन शामिल हुए।

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