शिप्रा शुद्धिकरण : इंदौर कलेक्टर ने फोन पर संतों से की बात; कहा- साफ करने के बाद छोड़ते हैं इंदौर से पानी

Shipra shuddhikaran 12122021

आज शासन के प्रतिनिधि के रूप में बातचीत करने पहुंचेंगे उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव

उज्जैन, अग्निपथ। शिप्रा शुद्धिकरण की कार्ययोजना पर काम शुरू करने की मांग को लेकर दत्त अखाड़ा घाट पर रविवार को लगातार चौथे दिन भी शहर के साधु-संतो का धरना आंदोलन जारी रहा। इस बीच इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने भी फोन पर धरना आंदोलन की अगुवाई कर रहे षट्दर्शन संत मंडल के वरिष्ठ सदस्य महंत डा. रामेश्वरदास से बात की।

उन्होंने आश्वस्त किया कि इंदौर शहर से पानी को पूर्णत: साफ करने के बाद ही छोड़ा जा रहा है और आगे भी साफ पानी ही रीलिज किया जाता रहेगा।

दरअसल, शिप्रा शुद्धिकरण के लिए आंदोलन कर रहे षट्दर्शन संत मंडल के ज्यादातर सदस्य और धरना आंदोलन में शामिल संस्थाओं के प्रतिनिधि लगातार इस बात पर जोर देते रहे है कि इंदौर से उज्जैन तक पहुंचने वाला दूषित जल ही शिप्रा नदी के जल को लगातार दूषित कर रहा है। इसे शिप्रा जल से अलग रखने के अब तक किए गए प्रयास नाकाफी है।

उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने भी संतजनों से धरना प्रदर्शन को विराम देने का आग्रह किया है। सोमवार को धरना आंदोलन के पांचवे दिन शासन के प्रतिनिधि के रूप में उच्चशिक्षा मंत्री और उज्जैन दक्षिण के विधायक डा. मोहन यादव व अन्य जनप्रतिनिधि भी संतजनों से मुलाकात करने और राज्यशासन का पक्ष उनके सामने रखने पहुंचेंगे।

रविवार को दत्त अखाड़ा घाट पर धरना आंदोलन में रामानुजकोट के पीठाधीश्वर रंगनाथाचार्य, ब्राह्मण समाज के वरिष्ठ पदाधिकारी सुरेंद्र चतुर्वेदी, सिख समाज उज्जैन के अध्यक्ष सरदार सुरेंद्र सिंह अरोरा, योगेंद्रसिंह, राकेश यादव, पूर्व अपर कलेक्टर सूरज नागर ने भी शामिल होकर अपना समर्थन व्यक्त किया।

धरना आंदोलन के दौरान गीता जयंती महोत्सव समिति मालवा प्रांत की सदस्य महिलाएं भी दत्त अखाड़ा घाट पर पहुंची और संतजनों के आंदोलन के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया।

संत की तबीयत बेहतर, प्रशासन ने जांची नब्ज

शिप्रा शुद्धिकरण को लेकर अन्न त्याग चुके महामंडलेश्वर ज्ञानदास महाराज की तबीयत को लेकर प्रशासन ने अलर्ट मोड अपना लिया है। शनिवार को उनकी तबीयत बिगडऩे के बाद निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल में उनका बीपी कम हो गया था। उन्हें दवा देकर अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी।

लेकिन रविवार को जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया। अपर कलेक्टर अवि प्रसाद ने बताया कि स्वास्थ्य परीक्षण ज्ञान दास महाराज का किया गया। इस दौरान घटिया एसडीएम वीरेंद्र सिंह दांगी भी मौजूद थे। डॉक्टरों ने बताया कि फिलहाल ज्ञानदास का स्वास्थ्य बेहतर है। बीपी भी नॉर्मल है।

ज्ञान दास महाराज ने बताया कि आज मेरा स्वास्थ्य कल से बेहतर है। मैं शिप्रा नदी के किनारे धरने पर बैठे संतों के बीच भी पहुंचा था। मुझसे अब अन्न ग्रहण करने के लिए प्रशासन ने कहा, लेकिन मैंने उनको इनकार कर दिया है।

सभी संतों का एक स्वर में मानना है कि जब तक शिप्रा शुद्धिकरण का ठोस जवाब नहीं मिल जाता, तब तक हम धरना समाप्त नहीं करेंगे। फिलहाल तय समय में शिप्रा नदी किनारे बैठकर संत भजन और राम नाम जप रहे हैं।

Next Post

15 से मांगलिक कार्य बंद: सूर्य वृश्चिक राशि छोडक़र धनु में करेंगे प्रवेश

Sun Dec 12 , 2021
सूर्य आराधना के लिए पौष माह का विशेष महत्व उज्जैन, अग्निपथ। सूर्य धनु राशि में 15 दिसंबर को प्रवेश कर जाएंगे। वह 1 माह यानी 14 जनवरी तक इसे राशि में रहेंगे। इस दौरान एक माह तक मांगलिक कार्यों विवाह आदि पर रोक लग जाएगी। यह माह सूर्य आराधना के […]