1500 की अभिषेक रसीद लो खुद जाकर करो जलाभिषेक

Mahakal darshan

महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पुरोहितों ने प्रतिबंधित दिनों में प्रोटोकॉल अभिषेक रसीद को लेकर खोला मोर्चा

उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में नई व्यवस्था का विरोध होना शुरू हो गया है। पहले की व्यवस्थाओं को दरकिनार कर मंदिर प्रशासन द्वारा हाल ही में 1500 रुपए की प्रोटोकॉल दर्शन अभिषेक रसीद शुरू की गई है जो कि प्रतिबंधित दिनों में श्रद्धालुओं को प्रदान की जा रही है। जिससे श्रद्धालु स्वयं गर्भगृह में जाकर महाकाल का जलाभिषेक कर रहे हैं।

सोमवार को भी इस रसीद के चलते गर्भगृह ठसाठस श्रद्धालुओं से भर गया। ऐसे में पुजारी पुरोहितों ने इसका विरोध करते हुए प्रशासक कार्यालय पहुंचकर प्रशासक से मिलकर अपनी बात रखी। प्रशासक ने उनसे मांगपत्र लिया है, जिसके आधार पर व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।

सोमवार को गर्भगृह से आम श्रद्धालु का प्रवेश प्रतिबंधित था। लेकिन 1500 रुपए की प्रोटोकॉल अभिषेक रसीद पर बिना पुजारी पुरोहितों के श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जा रहा था। ऐसे में विवाद की स्थिति उस समय पैदा हुई जब एक श्रद्धालु द्वारा महाकाल अन्न क्षेत्र में भंडारा आयोजित किया गया था और उसके 25 श्रद्धालुओं को एक साथ गर्भगृह में जाने की अनुमति प्रदान कर दी गई।

इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को गर्भगृह में देखकर पुजारी पुरोहित आक्रोशित हो गए और वह सीधे प्रशासनिक कार्यालय पहुंच गए। जहां उन्होंने प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ के कार्यालय के सामने जाकर नारेबाजी की। हालांकि प्रशासक ने उनको आश्वस्त किया है कि उनकी समस्या का निदान कर दिया जाएगा। लेकिन इसमें वरिष्ठ पुजारियों के संलिप्त होने के कारण मामला तूल पकड़ गया है।

पूर्व में थी यह व्यवस्था

श्री महाकालेश्वर मंदिर में तात्कालिन प्रशासक बीएल शर्मा के कार्यकाल के दौरान उन्होंने 1500 रुपए की अभिषेक रसीद से पुरोहितों को अभिषेक करने की पात्रता प्रदान की थी। जिसमें 2 श्रद्धालुओं को गर्भगृह में ले जाकर जलाभिषेक सहित अन्य पूजन कार्य संपन्न कराए जाते थे।

हाल ही में लागू की गई व्यवस्था में बिना पुजारी पुरोहितों के यह व्यवस्था मंदिर प्रशासन ने संभालते हुए 1500 रुपए की नई अभिषेक रसीद शुरू कर दी। जिससे श्रद्धालु स्वयं कटवा कर जलाभिषेक कर रहे हैं। ऐसे में पुजारी पुरोहितों के हित प्रभावित हो रहे हैं और उनको श्रद्धालु अभिषेक करवाने के लिए नहीं मिल पा रहे हैं। जिसके चलते उनकी रोजी-रोटी प्रभावित हो रही है।

ज्ञातव्य रहे कि 1500 की अभिषेक रसीद में से 25-25 प्रतिशत 16 पुजारी और 21 पुरोहितों में बंटता है। इसमें उनके घर के सदस्य भी शामिल रहते हैं। वहीं मंदिर को इसका 50 प्रतिशत हिस्सा मिलता है।

श्रद्धालुओं और मंदिर को हो रहा लाभ

हालांकि प्रोटोकॉल अभिषेक रसीद शुरू किए जाने से जहां महाकालेश्वर मंदिर को प्रतिबंधित दिनों में प्रतिदिन लाखों की आय हो रही है। वहीं श्रद्धालुओं को भी गर्भगृह से भगवान महाकाल का जल अभिषेक करने में आसानी हो रही है। पुजारी पुरोहितों से 1500 की अभिषेक रसीद कटवाने पर उनको दक्षिणा अलग से देना पड़ती है।

जिसके चलते श्रद्धालु सुगमता से रसीद कटवा कर गर्भगृह से भगवान का जलाभिषेक कर रहा है। मंदिर को गर्भगृह में प्रवेश प्रतिबंधित दिन शनिवार को जहां 1 लाख 21 हजार 511 रुपए की आय हुई। वहीं रविवार को यह आंकड़ा बढक़र 2 लाख 28 हजार पहुंच गया। सोमवार को दोपहर 2 बजे तक 86 हजार 811 रुपए की आय हुई।

इनका कहना है

ऐसी कोई बात नहीं है। पुजारी पुरोहितों ने अपना मांगपत्र रखा है। जिस पर विचार किया जाएगा। – गणेश कुमार धाकड़, प्रशासक

 

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