महाकाल दर्शन के लिए दर्शनार्थियों की भीड़, 2 घंटे मंदिर परिसर प्रवेश रहा बंद

100 व 250 टिकटधारियों की लाइन काला गेट से सभामंडप प्रवेश रैम्प तक पहुंची, एक घंटे के लिए रोकी 1500 की गर्भगृह अभिषेक रसीद

उज्जैन, (प्रबोध पाण्डेय) अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में प्रतिवर्ष 25 दिसंबर से लेकर 5 जनवरी तक बड़ी संख्या में श्रद्धालु देश सहित विदेश से भगवान महाकाल के दर्शन के लिए उमड़ते हैं। आज से इसकी शुरुआत हो गई। मंदिर में भीड़ इतनी थी कि मंदिर प्रशासन को 1500 रुपए की गर्भगृह अभिषेक रसीद तक रोकना पड़ी। वहीं 100 और 250 दर्शन टिकट धारियों की लाइन भी काफी लंबी लगी रही। मंदिर परिसर प्रवेश भी रोक दिया गया था। लेकिन परंपरा उस समय अमर्यादित हो गई जब चांदी गेट निरीक्षक की चूक से श्रद्धालु गर्भगृह में कुर्ता पहनकर प्रवेश कर गया।

श्री महाकालेश्वर मंदिर में भीड़ का सुबह से ही जमावड़ा मंदिर में होने लगा था। श्रद्धालु किसी भी तरीके से भगवान महाकाल के दर्शन करने को उतावले दिखाई दिए। 1500 रुपए की गर्भगृह अभिषेक रसीद लेकर श्रद्धालु गर्भगृह से भगवान महाकाल के दर्शन करते रहे। अंदर भीड़ इतनी अधिक हो गई थी कि दोपहर 12.30 से 1.30 बजे तक मंदिर प्रशासक को प्रवेश रोकना पड़ा। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए मंदिर की सहायक प्रशाासक प्रशासक पूर्णिमा सिंघी सहित अन्य अधिकारी व्यवस्था करते दिखाई दिए। मंदिर प्रांगण सहित निर्गम गेट पर भी श्रद्धालुओं का हुजूम लगा हुआ दिखाई दिया। मंदिर प्रशासन ने किसी तरह से भीड़ प्रबंधन किया।

100 और 250 टिकटधारियों की लगी लंबी कतार

Mahakal darshan line 2512201

25 दिसंबर को 100 रुपए प्रोटोकॉल दर्शन टिकट और 250 रुपए शीघ्र दर्शन टिकट बड़ी मात्रा में बिके। श्रद्धालुओं की कतार सभा मंडप के काला गेट से लेकर इसके अंत तक लगी हुई दिखाई दी। व्यवस्था करने के लिए मंदिर के अधिकारी भी पहुंच गए थे। यहां तक कि मंदिर प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ भी मंदिर की व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए लगातार राउंड लगाते रहे।

परंपरा ध्वस्त: गर्भगृह में कुर्ता पहनकर श्रद्धालु ने किया अभिषेक

25 दिसम्बर भीड़ जुटने के पहले ही दिन गर्भगृह में प्रवेश नियमों की धज्जियां उड़ गईं। परंपरा अनुसार श्रद्धालुओं को धोती और पंछा में प्रवेश करने का नियम है। लेकिन इस दिन सुबह के समय चांदी गेट से एक श्रद्धालु कुर्ता पहनकर गर्भगृह में अभिषेक कर गया। इस दौरान चांदी गेट निरीक्षक क्या कर रहे थे। उनको कुर्ता पहनकर श्रद्धालु का प्रवेश नहीं दिखा। आश्चर्य की बात है कि परंपरा की बात करने वाले पुजारी पुरोहित ही उनका अभिषेक गर्भगृह में करवाते दिखा।

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