नगर निगम के टेंडर से ठेकेदारों ने की तौबा

नगर निगम

30 से ज्यादा टेंडर निकाले, एक ठेकेदार हुआ शामिल

उज्जैन, अग्निपथ। नगर निगम में बकाया भुगतान को लेकर ठेकेदार और निगम अधिकारियों के बीच चल रही तकरार का सीधा असर अब विकासकार्यो पर आने लगा है।

स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 नजदीक आ पहुंचा है, इसकी तैयारी के लिए नगर निगम ने 6 जोन में 30 से ज्यादा कार्यो के टेंडर निकाले। केवल पुताई वाले एक ठेकेदार ने ही एक टेंडर में भाग लिया, बाकी घर ही बैठे रहे। अब निगम के आला अधिकारी फोन करके ठेकेदारों से टेंडर में भाग लेने को कह रहे है।

नगरनिगम के 100 से ज्यादा ठेकेदारों के करीब 80 करोड़ रुपए लंबे वक्त से बकाया चल रहे है। आयुक्त अंशुल गुप्ता ने वादा किया था कि सितंबर 2020 के महीने के करीब 4.5 करोड़ रूपए का भुगतान दिसंबर महीने में पूरा हो जाएगा। इसके एवज में भी अब तक बमुश्किल 1 करोड़ रूपए का ही भुगतान हो सका है। यहीं वजह रही कि पूर्व निश्चित निर्णय के मुताबिक स्वच्छ भारत मिशन के किसी भी टेंडर में नगर निगम के ठेकेदारों ने भाग ही नहीं लिया। नगर निगम ने थ्री-डी पेंटिंग, शौचालय मरम्मत, ब्लॉक रिपेयरिंग, नाली चैंबर निर्माण जैसे कई सारे कामों के टेंडर जारी किए थे।

3 साल बाद सामने आए ठेकेदार

नगर निगम के लगभग सारे ही ठेकेदार यह फैसला कर चुके है कि वे बकाया भुगतान नहीं होने तक किसी भी टेंडर में शामिल नहीं होंगे। इसके ठीक विपरीत वॉल पेंटिंग के लिए एक टेंडर डल गया। यह टेंडर दीपक शर्मा ने डाला था। दीपक शर्मा नगर निगम ठेकेदार एसोसिएशन के सदस्य है लेकिन पिछले 3 साल से नगर निगम में उन्होंने कोई काम नहीं लिया था।

अब एकाएक एक टेंडर में वे प्रकट हो गए। एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने दीपक शर्मा से बात की तो उनका जवाब था- मुझे एसोसिएशन के फैसले की जानकारी ही नहीं थी। हालांकि यह सिंगल टेंडर है लिहाजा इसे तकनीकी रूप से वैसे भी मंजूर नहीं किया जा सकता है।

100 से ज्यादा कट गई शिकायतें

नगर निगम के ठेकेदारों ने भुगतान नहीं हो पाने की वजह से नवंबर महीने में सीएम हेल्पलाइन (181) पर 100 से ज्यादा शिकायतें दर्ज कराई थी। नवंबर से जनवरी तक किसी भी ठेकेदार का पूरा भुगतान नहीं हुआ बावजूद इसके अधिकांश सीएम हेल्पलाइन शिकायतें वापस ले ली गई है। केवल दो ठेकेदार राजेंद्र शर्मा और गिरिश जायसवाल ही ऐसे है जिन्होंने अपनी शिकायत वापस नहीं ली है।

इनका कहना

हम तो काम करने के लिए ही हैं, आप भुगतान कीजिये हम टेंडर में शामिल हो जाएंगे। सीएम हेल्पलाइन की शिकायतें इसलिए वापस कटवाई गई क्योंकि कुछ ठेकेदारों का आंशिक भुगतान हो रहा था। – नीलेश अग्रवाल , अध्यक्ष, बिल्डर एसोसिएशन नगर निगम

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