मुआवजा नहीं, घोड़ारोज की समस्या से मुक्ति चाहिए

Neel gai (Ghoda roj)

मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर शिकायत के बाद पहुंची वन विभाग की टीम को किसान की दो टूक

रूनिजा (बडऩगर), अग्निपथ। घोड़ा रोज (नीलगाय) द्वारा किए जा रहे फसलों को नुकसान को लेकर चारों ओर हाहाकार मचा हुआ है। किसान इनसे मुक्ति की मांग सोशल मीडिया एवं ज्ञापन तथा मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर की जा रही हैं।

रतलाम में 4 फरवरी को सैकड़ों किसानों ने घोड़ा रोज से मुक्ति के लिए रैली निकालकर जिला कलेक्टर रतलाम को ज्ञापन दिया। वही माधोपुरा निवासी गोविंद पिता रामकिशन धाकड़ द्वारा 1 फरवरी को मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर शिकायत कर मांग की गई थी घोड़ा रोज के झुंड द्वारा उनकी लसुन, व गेहूं की फसल को बुरी तरह से बर्बाद कर दिया गया है। इनसे मुक्ति दिलाने के लिए या तो इन्हें पकड़ कर अन्यत्र छोड़ा जाए या इनकी नसबंदी की जाए।

धाकड़ की शिकायत पर मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर शिकायत क्रमांक 16602822 पर दर्ज कर इसके निराकरण के लिए वन विभाग बडऩगर को भेजा गया। जिस पर वन विभाग बडनगर से अधिकारी श्रीमती संतोष अरोरा ने आवेदक के खेत पर पहुंचकर फसलों में हुए नुकसान का पंचनामा बनाया तथा आवेदक से चर्चा कर शासन से मुआवजा लेने की प्रक्रिया समझायी।

लेकिन किसान ने वन अधिकारी से कहा कि मुझे मुआवजा नहीं घोड़ारोज से मुक्ति चाहिए। कैसे भी कर इन्हें पकडक़र अन्यत्र छोड़ा जाए या इनकी नसबन्दी की जाए। किसान की मांग तथा समाचार पत्रों में लगे समाचारो को वरिष्ठ अधिकारियों को व मुख्यमंत्री कार्यालय को भेज कर वहां से जो भी निर्देश प्राप्त होंगे उस आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

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