दिन पर दिन शहर में बढ़ता जा रहा है मधुमक्खियोंं का आतंक

bees attack

नागदा, अग्निपथ। शहर के मुख्य मार्ग हो या फिर शासकीय कार्यालय आसानी से मधुमक्खियों को छत्तों को देखा जा सकता हैं और यदि इन मधुमक्खियों को जरा भी छेड़ दे तो फिर उस क्षेत्र में रहने वाले किसी भी व्यक्ति की खैर नहीं। कुछ ऐसी परेशानियों से जुझ रहे है फायर स्टेशन के कर्मचारी।

शहर में यु तो विकास के नाम में लाखों रुपए व्यय किए जा रहे हैं, लेकिन शहर की अवश्य आवश्यकताओं की पूर्ति एवं निर्वाहन करने वाले कर्मचारी व आम नागरिक इन दिनों मधुमक्खियों के आतंक से परेशान हैं। शहर की सबसे पुरानी और सबसे अधिक क्षमता वाली पानी की टंकी के आसपास इन दिनों मधुमक्खियों का खासा जमघट लगा हुआ हैं फिर सर्दी, गरमी या बारिश का मौसम क्यों ना हो, इन मधुमक्खियों द्वारा किसी भी यहां कार्यरत कर्मचारी पर हमला कर दिया जाता हैं।

शहर की आवश्यक सेवाओं की पूर्ति करने के लिए हर समय दमकलकर्मी, जलशाखा के कर्मचारी एवं परिवाहन शाखा के कर्मचारी भी मौजूद रहते है। यहां कार्यरत कर्मचारियों ने कैमरे पर तो कुछ नहीं बोला लेना इतना जरुर कहां कि जब भी मधुमक्खियों का हमला होता है तीन से चार घंटे के लिए पूरा टंकी कम्पाउंड खाली हो जाता है जिससे शहर की आवश्यक सेवाएं भी प्रभावित होती है हाल ही में मधुमक्खियों के आतंक के कारण कई वाहन चालक घायल हो गए। काफी उपचार के बाद उनको मधुमक्खिया के काटने से छुटकारा मिला।

शहर के सबसे महत्वपूर्ण स्थान जहां से कुछ ही दूरी पर नगरपालिका का मुख्य कार्यालय भी हैं। यहां पर पानी की टंकी पर दो बड़े बड़े मधुमक्खि के छत्ते है जो हर समय दुर्घटनाओं का आमंत्रण देते रहते है। इसी छत्ते से कुछ ही दूरी पर बच्चों का स्कूल लगता है तो दूसरी और शहर से बाहर जाने के लिए बसों का इंतजार भी यात्री इसी स्थान पर रुक करते है ऐसे में यदि मधुमक्खी अपना आपा खो बैठे तो स्थिति क्या होगी इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकत हैं।

मधुमक्खी के हादसों पर एक नजर

गांव नायन में 29 फरवरी 2019 को सती माता पुजन के दौरान मधुमक्खियों ने ग्रामीणों पर हमला कर दिया। सरपंच रामनाथसिंह नरुका के अनुसार प्रतिवर्ष होलिका दहन के बाद गांव नायन के समाजजन सती माता पुजन के लिए मंदिर परिसर में एकत्रित होते है सोमवार को पुजन चल ही रहा था कि मधुमक्खियोंं ने हमला कर दिया।

जिसमें लगभग 25 ग्रामीणों को मुधमक्खियों ने अपना निशाना बनाया। गंभीर रुप से घायल संतोषसिंह और लोकेंद्रसिंह को गहन चिकित्सा के लिए जनसेवा अस्पताल की आईसीयू में भर्ती कराया गया। जबकि अन्य घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।

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