प्रवेश को लेकर गेट निरीक्षक से की अभद्रता, सूचना के बाद मंदिर प्रशासक भी पहुंचे
उज्जैन, अग्निपथ। महाकालेश्वर मंदिर के वीवीआईपी गेट से अपने को अखाड़े का साधु बताने वाले ने शुक्रवार की दोपहर प्रवेश की कोशिश की। प्रवेश नहीं करने दिया तो उसने वहां पर मौजूद सुरक्षाकर्मी और मंदिर प्रबंध समिति के गेट निरीक्षक से मारपीट की कोशिश की। सूचना पर मंदिर प्रशासक भी पहुंचे। इसके पूर्व सहायक प्रशासक ने उसको प्रवेश की अनुमति दे दी।
महाकालेश्वर मंदिर में प्रवेश को लेकर शुक्रवार की दोपहर विवाद की स्थिति पैदा हो गई। मंदिर के महाकाल प्रवचन हॉल के वीवीआईपी गेट नंबर- 13 पर उक्त घटना घटित हुई। अग्नि अखाड़े का अपने को साधु बताने वाले तथाकथित मोहितानंद ने प्रवेश करने की कोशिश की।
इन दिनों महाशिवरात्रि पर्व चल रहा है और काफी संख्या में वीवीआईपी मूवमेंट हो रहा है। इसलिए इस गेट को लगातार खोल कर रखा गया है। तथाकथित साधु मोहितानंद ने प्रवेश की कोशिश इस गेट से की तो यहां पर मौजूद सुरक्षाकर्मी ने उसे रोकने का प्रयास किया और अनुमति दिखाने को कहा। लेकिन उसने सुरक्षाकर्मी को धक्का दे दिया जिससे वह गिर गया।
सुरक्षाकर्मी की आवाज सुनकर अंदर मौजूद गेट निरीक्षक राकेश श्रीवास्तव जब वहां पर पहुंचे तो उस साधु ने प्रवेश को लेकर उनसे भी विवाद किया और मना करने पर हाथ उठाकर मारने का प्रयास किया। इस दौरान सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल वहां पहुंच गए और उन्होंने उस तथाकथित साधु को मंदिर में प्रवेश कराया।
सूचना पर मंदिर प्रशासक पहुंचे
मंदिर के गेट निरीक्षक श्रीवास्तव ने विवाद की सूचना सीधे मंदिर प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ को दी। जिस पर धाकड़, पीए अनुराग चौबे सहित सुरक्षाकर्मी वीवीआईपी गेट पर पहुंचे। तब तक तथाकथित साधु मंदिर में प्रवेश कर चुका था। पूरे मामले की जानकारी मंदिर प्रशासक ने प्राप्त की और वहां से प्रस्थान किया।
आए दिन करता है विवाद
जानकारी में आया है कि अपने को अग्नि अखाड़े का साधु बताने वाला मोहिता नंद कहीं से कहीं तक साधु नजर नहीं आता है। विवाद के दौरान भी उसने कुर्ता और धोती पहन रखी थी। बताया जाता है कि इस तथाकथित साधु का निवास सिंहपुरी में ही है। इसके द्वारा आए दिन प्रवेश को लेकर हर गेट पर विवाद किया जाता है। ज्यादातर वीवीआईपी गेट नंबर- 13 से ही प्रवेश का प्रयास किया जाता है।
इनका कहना है
हमारे अखाड़े का यह तथाकथित साधु नहीं है। हमारे अखाड़े में सभी पढ़े लिखे साधु हैं। जोकि इस तरह की हरकत नहीं कर सकते। मंदिर प्रशासन को पूछताछ के लिए पुलिस को सौंपना चाहिए था। – महंत सौमिश्वरानंद, महामंत्री अग्नि अखाड़ा
संबंधित पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। – गणेश कुमार धाकड़, प्रशासक महाकालेश्वर मंदिर