स्वच्छता रैंकिंग में इस बार भी पिछड़ती नजर आ रही नगर परिषद

Thandla swacchhata ranking survey 07 08 22

थांदला, अग्निपथ। स्वच्छता रेकिंग में गत वर्ष भी अपना स्थान बरकरार नहीं रख पाई नगर परिषद इस बार भी पिछड़ती नजर आ रही है। शुक्रवार को नगर में आये स्वच्छता दल को सबकुछ अच्छा दिखाने के लिये नगर परिषद काफी मशक्कत करती नजर आई। स्वच्छता दल जिस वार्ड में निरीक्षण के लिये जाता उस वार्ड में नगर परिषद के कर्मचारी साफ-सफाई करने के लिये पहले ही पहुंच जाते, उसके बाद टीम वार्ड का निरीक्षण करती।

नगर परिषद ने स्वच्छता सर्वेक्षण टीम के वार्ड में पहुंचने से पहले नगर में अस्थायी डस्टबीन लगाये शौचालयों और स्वच्छता संदेश के संकेतक बोर्ड लगाये। स्वच्छता सर्वेक्षण दल के साथ नगर परिषद के उपयंत्री पप्पू बारीयाख् स्वच्छता प्रभारी गौरांकसिंह व सफाई दरोगा सहित कई कर्मचारी घुमते नजर आये। सर्वेक्षण दल को वार्ड क्रमांक 3 व 4 में लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ा। वार्ड 3 व 4 में सर्वेक्षण दल ने लोगों से स्वच्छता के बारे में पूछा तो लोग भडक़ गये। लोगों ने दल के लोगों को काफी खरीखोटी सुनाई।

जब लोगों ने स्वच्छता व साफ-सफाई संबधी परेशानियां बताई तो दल के सदस्यों ने लिखकर नगर परिषद में देने की बात कहने से लोग और आक्रोषित हो गये।

किशोर आचार्य मुकरम बोहरा, शब्बीर भाटी ने बताया कि सर्वेक्षण दल आमजन की शिकायत नहीं सुनते हुए नगर परिषद कर्मचारियों की भाषा बोल रहे थे, फिर ऐसे सर्वेक्षण का क्या मतलब जिसमे आमजन की षिकायत ही नहीं सुनी जाये। सर्वेक्षण दल के गगन यादव से जब सर्वेक्षण संबधी जानकारी के बारे में पूछने पर बताया कि हम दिल्ली से आये हैं तथा हमें जो आनलाईन दिखाना है वहीं दिखायेगे और ज्यादा जानकारी चाहिये तो सीएमओ से बात कर लिजिए।

नगर परिषद के कर्मचारी पूरे समय सर्वेक्षण दल के साथ चलते रहे। नगर परिषद इस बार बनावटी तरीकों से स्वच्छता सर्वेक्षण में उच्च स्थान हासिल करना चाहती है जबकि धरातल पर स्थितियां कुछ और ही बयां कर रही है।

अस्पताल चौराहा, लक्ष्मीबाई मार्ग, तेजाजी मंदिर के पीछे प्रतिदिन सुबह कचरे के ढेर लगे रहते हैं और उस कचरे के ढेर को मवेशी चारों तरफ फैलाती रहती है। नगर में आवारा मवेशियों की समस्या का कोई स्थायी हल नहीं निकल पाया है। वहीं लाखों रुपयों की लागत से खरीदा गया पशु वाहन परिसर में धुल खा रहा है।

नगर परिषद में स्वच्छता में अपनी रेकिंग सुधारने के लिये कोई ठोस प्रयास नहीं किये और नहीं स्वच्छता अभियान से आमजन को जोडऩे के समूचित कदम उठाये यदि समय रहते सामूहिक प्रयास किये जाते तो नगर परिषद को शायद यह दिखावा नहीं करना पड़ता।

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