निगम के अधिकारियों की मंत्री से शिकायत

नगर निगम

उज्जैन, अग्निपथ। नगर निगम के सहायक आयुक्त और उपायुक्त स्तर के दो अधिकारियों के तबादले के बावजूद इन्हें रीलिव नहीं किए जाने का मुद्दा गुरूवार को उज्जैन आए नगरीय आवास एवं विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह के सामने भी उठा है। केबिनेट मंत्री भूपेंद्र सिंह ने इस मामले में तत्काल ही शासन के आदेश का पालन करने की हिदायत दे डाली।

नगर निगम उज्जैन में पदस्थ सहायक आयुक्त तेजकरण गुनावदिया और उपायुक्त संजेश गुप्ता दोनों का ही 29 मार्च को तबादला हो चुका है। लगभग एक महीना बीतने को आया, दोनों ही अधिकारी अब तक उज्जैन में ही बने हुए है। तेजकरण गुनावदिया को शासन ने पसाना जिला अनूपपुर का मुख्य नगर पालिका अधिकारी और संजेश गुप्ता को रायसेन का मुख्य नगर पालिका अधिकारी बनाया है। शासन द्वारा जारी स्थानांतरण आदेश में इस बात का स्पष्ट उल्लेख था कि सभी स्थानांतरित अधिकारियों को आदेश के दो दिन के भीतर नई जगह पर आमद देना है।

उज्जैन में स्वच्छता सर्वेक्षण चल रहा था, लिहाजा आयुक्त अंशुल गुप्ता ने दोनों ही अधिकारियों को यहां रोके रखा। स्थानांतरण के बावजूद इन्हें रीलिव नहीं करने पर अपर आयुक्त आर.एस. मंडलोई और आयुक्त अंशुल गुप्ता के बीच भी ठन चुकी है। अपर आयुक्त आर.एस. मंडलोई ने दोनों अधिकारियों को एक तरफा रीलिव करने के लिए आयुक्त को लगभग धमकी भरे अंदाज में पत्र लिख डाला था।

गुरूवार को नगरीय आवास एवं विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह महाकालेश्वर मंदिर परिसर विस्तारीकरण का काम जांचने आए तो उनके सामने भी दोनों अधिकारियों को रीलिव नहीं किए जाने का मुद्दा उठा। भूपेंद्र सिंह ने कहा कि ऐसा कुछ मेरे संज्ञान में नहीं था, यदि शासन के आदेश की अवहेलना हो रही है तो यह गंभीर बात है। दोनों को तत्काल रीलिव होना पड़ेगा।

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