फाइलें दबाई तो मिल गया सवा छह लाख का झटका नगर निगम के बाबू को अपर आयुक्त ने थमाया नोटिस

नगर निगम

उज्जैन, अग्निपथ। कोर्ट में प्रचलित प्रकरण में नगर निगम के खिलाफ गवाही देने वाले प्रभारी फायर ऑफिसर राजेश तिवारी के निलंबन और लाखों रुपए की रिकवरी का नोटिस दिए जाने के बाद ठीक इसी तरह की एक और कार्यवाही हुई है। मंगलवार को अपर आयुक्त ने स्थापना शाखा के प्रभारी लिपिक दिनेश गुर्जर को शोकाज नोटिस जारी किया है। इस नोटिस के माध्यम से नगर निगम को हुए 6 लाख 15 हजार रुपए के नुकसान की भरपाई गुर्जर से किए जाने की चेतावनी दी गई है।

दरअसल, नगर निगम के दो अस्थाई कर्मचारी सुनीता सिंगारिया और हितेश के मामले में श्रम न्यायालय से आदेश पारित होने के बाद भी लंबे वक्त तक इनके प्रकरणों से जुड़ी फाइलें स्थापना शाखा में अकारण ही दबाए रखी गई। सुनीता सिंगारिया के प्रकरण में पंचम व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 की कोर्ट से नगर निगम के खिलाफ 2 लाख 94 हजार रुपए और हितेश के मामले में षष्ठम व्यवहार न्यायालय वर्ग-2 से 3 लाख 21 हजार 310 रूपए की कुर्की जारी हुई है। कुर्की के इन दोनों ही मामलों की अपर आयुक्त वित्त आदित्य नागर ने जांच की। नागर स्थापना शाखा के प्रभारी भी है।

जांच के दौरान उन्होंने पाया कि स्थापना शाखा के लिपिक दिनेशा गुर्जर ने अकारण ही दोनों प्रकरणों की फाइलों को अपने पास दबाए रखा, इसी वजह से न्यायालय से कुर्की वारंट जारी हुआ। समय रहते दोनों प्रकरणों की फाइलें वरिष्ठ अधिकारियों को बताई जाती तो यह स्थिति नहीं बनती। अपर आयुक्त ने लिपिक दिनेश गुर्जर को जारी किए नोटिस में दो दिन में इन दोनों ही प्रकरणों में लापरवाही पर जवाब मांगा है, इसके साथ ही गुर्जर से पूछा गया है कि क्यों न दोनों कुर्की की रकम 6 लाख 15 हजार 310 रूपए आपसे वसूल किए जाए।

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