पद का दुरुपयोग: महाकालेश्वर मंदिर की सुरक्षा कंपनी में ‘अपनों’ की भर्ती

एसओ ने साले को लगाया नौकरी पर, बिना प्रशिक्षण प्रमाण पत्र के कर रहे नौकरी

उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में अपनों-अपनों को दे …वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। महाकालेश्वर मंदिर की सुरक्षा का ठेका संभालने वाली केएसएस कंपनी के एसओ ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अपने साले को मंदिर की क्यूआरटी टीम में बिना प्रशिक्षण प्रमाण पत्र के नौकरी पर लगा दिया। एसओ सहित ऐसे ही कितने अन्य नए सुरक्षाकर्मी हैँ जोकि बिना प्रशिक्षण प्रमाण पत्र के महाकालेश्वर मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था संभाल रहे हैं।

महाकालेश्वर मंदिर में बिना टेंडर जारी किए कृष्णा साल्यूशन एंड सिक्योरिटी कंपनी केएसएस को करीब 6 माह पहले एसआईएस कंपनी को रवानगी देने के बाद सुरक्षा का दायित्व सौंपा गया था। विगत माह दिसंबर- 2021 में इसके दोबारा टेंडर हुए थे। लेकिन दो कंपनियों जिसमें केएसएस कंपनी भी शामिल थी। इनके फाइनल राउंड में पहुंचने के बाद टेंडर को निरस्त कर दिया गया और केएसएस कंपनी का कार्यकाल बढ़ा दिया गया था। जो कि आज तक चल रहा है। लेकिन कंपनी द्वारा धीरे-धीरे पुराने सुरक्षाकर्मियों की रवानगी डाली जाती रही और नए सुरक्षाकर्मियों की भर्ती की गई। जिनकी संख्या 70 से 80 के लगभग है।

कंपनी के 145 सुरक्षाकर्मी मंदिर की सुरक्षा का प्रभार संभाल रहे हैं। लेकिन इनमें से अधिकांश के पास प्रशिक्षण प्रमाण पत्र नहीं हंै। वही कई सुरक्षाकर्मियों के पास तो पुलिस वेरिफिकेशन ही नहीं है। ऐसे में बिना प्रशिक्षण प्रमाण पत्र के सुरक्षाकर्मी नौकरी कर रहे हैं। जिनको इस बात की भी जानकारी नहीं है कि किस तरह से महाकालेश्वर मंदिर में नौकरी करना है।

जानकारी में आया है कि समय-समय पर होने वाली परेड भी नहीं की जा रही है। जिसके चलते नए सुरक्षाकर्मियों को अपने दायित्वों का ज्ञान नहीं है। केवल एक सामान्य नौकरी समझकर इनके द्वारा नौकरी की जा रही है। आगामी समय में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री का मंदिर में दौरा होने वाला है। ऐसे में किस तरह से ये सुरक्षाकर्मी अपना दायित्व निभाएंगे यह सोचने वाली बात रहेगी।

साले को सौंपी क्यूआरटी की कमान

केएसएस कंपनी के एसओ द्वारा अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अपने साले शैलेंद्र बैरवा को बाले बाले बिना प्रशिक्षण प्रमाण पत्र के क्यूआरटी टीम में नौकरी पर रख लिया गया। विगत 8 माह से वह बिना प्रशिक्षण प्रमाण पत्र के नौकरी कर रहा है। साला तो ठीक खुद केएसएस कंपनी के एसओ के पास ही प्रशिक्षण प्रमाण पत्र नहीं है। ऐसे में बिना इसके किस बिना पर इसने एसओ पद की कमान संभाल रखी है। यह बात गौरतलब है।

वहीं महाकालेश्वर मंदिर के अधिकतर सुरक्षाकर्मियों के पास प्रशिक्षण प्रमाण पत्र नहीं है और वह बिना इसके नौकरी कर रहे हैं। जो कि सुरक्षा कर्मियों के लिए जारी कंपनी नियमों का घोर उल्लंघन है। यहां पर बता दें कि बिना प्रशिक्षण प्रमाण पत्र के कोई भी सुरक्षाकर्मी नौकरी नहीं कर सकता। उसके लिए यहां सुरक्षा प्रमाण पत्र नितांत आवश्यक है।

प्रोविडेंट फंड नहीं कट रहा

जानकारी में आया है कि 70 से 80 नए सुरक्षाकर्मी और पुराने सुरक्षाकर्मियों का प्रोविडेंट फंड नहीं काटा जा रहा है। यहां तक कि उनको कलेक्टर रेट से भी कम वेतन दिया जा रहा है। जिसके चलते सुरक्षाकर्मी खासे परेशान हैं। पूर्व में सुरक्षा का प्रभार संभालने वाली एसआईएस कंपनी द्वारा वेतन अधिक दिया जा रहा था, लेकिन समय पर नहीं। इनका फंड काटा जाता था और बकायदा मैसेज संबंधित सुरक्षाकर्मियों के पास पहुंचाया जाता था। लेकिन केएसएस कंपनी द्वारा ऐसा कुछ नहीं किया जाकर आर्थिक लाभ कमाया जा रहा है। ताज्जुब इस बात का है कि बिना टेंडर किए इनके बिलों का भुगतान कैसे किया जा रहा है। नियमानुसार आडिट आपत्ति आना चाहिए।

इनका कहना

जांच करने के बाद नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।
– गणेश कुमार धाकड़, प्रशासक श्री महाकालेश्वर मंदिर

 

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