पत्नी के प्रेमी को मौत के घाट उतारने वाला आरोपी गिरफ्तार

गांव से बाइक लेकर पहुंचा अलीराजपुर, गुजरात जाने से पहले किया अरेस्ट

धार, अग्निपथ। डही ब्लॉक के ग्राम बबली बुजुर्ग हुई नृशंस हत्या के मामले में फरार चल रहे आरोपी को पुलिस टीम ने गिरफ्तार कर लिया हैं, हालांकि आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत का सामना करना पडा। क्योंकि घटना के बाद गांव के एक व्यक्ति की बाइक लेकर आरोपी सुमरिया पिता रेमसिंह अलीराजपुर भाग गया था, जहां पर रुपयों की व्यवस्था करके गुजरात भागने की फिराक में था, इसी बीच डही पुलिस टीम मौके पर पहुंची। तथा घटना के 24 घंटे के भीतर ही पुलिस ने हत्यारे पति को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने हत्या में उपयोग हुए फालिये सहित बाइक को जप्त कर लिया हैं तथा आरोपी को कोर्ट के समक्ष पेश किया गया।

डही थाना प्रभारी उपनिरीक्षक प्रकाश सिरोदे के अनुसार 26 मई को रात्रि ग्राम बबली बुजुर्ग निवासी गोविंद रात 10 बजे खाना खाने के बाद घर के बाहर ओटले पर सो रहा था। गोविंद के पास में उसकी बुआ थावलीबाई व लडका अर्जुन भी था। अचानक गोविंद के चिल्लाने की आवाज आई तो परिवार के लोगों ने उठकर देखा तो आरोपी सुमारिया के हाथ में फालिया था, तथा गोविंद की छाती पर गंभीर चोट के निशान थे। इसी बीच आरोपी सुमरिया परिवार के लोगों के जागने के बाद मौके से फरार हो गया।

इधर परिवार के लोगों ने चौकीदार को सूचना दी, जिसके बाद डही पुलिस टीम मौके पर पहुंची व गोविंद की पत्नी ममताबाई की रिपोर्ट पर पुलिस ने कार्रवाई शुरु की। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी आदित्य प्रतापसिंह के निर्देशन व एसडीओपी दिलीपसिंह बिलवाल के मार्गदर्शन में डही पुलिस के द्वारा कार्रवाई की गई है।

प्रेम-प्रसंग में हुई हत्या

डही पुलिस ने मामले की जांच की तो पता चला कि गोविंद की का पत्नी ममताबाई की ममेरी बहन हीराबाई से पिछले तीन सालों से प्रेम संबंध था। जिसके कारण ही लगातार बातचीत करते थे। इस बात की जानकारी हीराबाई के पति आरोपी सुमारिया को लगी तथा कुछ दिन पूर्व मृतक व आरोपी के बीच में चरित्र शंका की बात को लेकर कहासुनी भी हो गई थी। इसके बाद ही आरोपी ने घर में घुसकर गोविंद की हत्या कर मौके से फरार हो गया था। गुरुवार को प्रकरण की जांच के लिए धार से एफएसएल टीम भी मौके पर पहुंची थी।

शुक्रवार को पुलिस ने आरोपी को अरेस्ट कर लिया है। आरोपी को गिरफ्तार करने में एएसआई सुखदेव अलावे, रामसिंह सोलंकी, प्रधान आरक्षक राकेश डावर, आरक्षक लक्ष्मण व सायबर सेल प्रशांत का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

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