नेताओं की रायशुमारी, ‘कुंभ’ राशी पर भारी

भाजपा ने बाहर किए ज्यादातर पुराने चेहरे, नए प्रत्याशियों को मौका

उज्जैन, अग्निपथ। उज्जैन शहर के 54 वार्डो में पार्षद प्रत्याशियों के नाम चयन करने के लिए भाजपा में मंथन पूरा हो गया है। इंदौर रोड की एक होटल में बुधवार को पूरे दिन संभागीय चयन समिति की बैठक में प्रत्याशियों के नामों पर विचार-विमर्श किया गया। भाजपा से जुड़े सूत्र बताते है कि पार्टी ने इस बार नगर निगम बोर्ड के कई चिर-परिचित नामों को प्रत्याशियों की सूची में शामिल ही नहीं किया है। इसमें एक मजेदार तथ्य भी सामने आया है। जिन चेहरों को इस बार मौका मिलने की संभावना बहुत कम है उनमें से ज्यादातर ‘स’ या ‘श’ नाम वाले है और इनकी राशि कुंभ है।

18 जून तक निकाय चुनाव के लिए नामांकन दाखिल किए जाने है। इस अवधि के लिए अब महज तीन दिन शेष बचे है। इन तीन दिनों में ही शहर से भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों को 108 प्रत्याशियों के नाम घोषित करना है। भाजपा में प्रत्याशी चयन के लिए जिला स्तरीय चयन समिति की 3 बैठकें होने के बाद बुधवार संभागीय समिति की बैठक हुई। इंदौर रोड की एक होटल पर संभागीय समिति के सदस्य बैठे और जिला स्तर से आए नामों पर मंथन किया।

जिले के प्रभारी मंत्री जगदीश देवड़ा इस समिति के प्रमुख है। संभागीय समिति में उज्जैन से डा. मोहन यादव, पारस जैन, अनिल जैन कालूहेडा और जगदीश अग्रवाल सदस्य बतौर शामिल हुए। संभागीय समिति की बैठक में सिंधिया खेमे से जुड़े कुछ नेताओं को वार्डो में एडजस्ट करने की वजह से 4 वार्डो में फिलहाल नाम रोके गए है, जबकि अधिकांश वार्डो में प्रत्याशियों के नाम फाइनल हो गए है।

कुंभ राशि का फैक्टर

सोनू गेहलोत, सत्यनारायण चौहान, शिवेंद्र तिवारी, संतोष यादव, सुनील बौरासी, संतोष व्यास, सुनील गोयल पिछले कुछ बोर्ड के सक्रिय सदस्य रहे है और इस बार भी इनके नाम संभावित उम्मीदवारों की सूची में शामिल थे। इन सभी की राशि कुंभ है। भाजपा से जुड़े सूत्र बताते है कि जिला स्तर से जो सूची संभागीय समिति को भेजी गई है, उनमें इनके नाम शामिल नहीं है। सत्यनारायण चौहान ने वार्ड 28 से टिकट मांगा था लेकिन इस वार्ड से श्रीवास परिवार के एक युवक का नाम भेजा गया है। संतोष व्यास पत्नी ऋतुबाला व्यास का टिकट मांग रहे है लेकिन उनके वार्ड से गोपाल अग्रवाल की धर्मपत्नी का नाम तय हुआ है। कुंभ राशि वालों के अलावा भी राधेश्याम वर्मा, बुद्धिप्रकाश सोनी, राजश्री जोशी और गिरिश शास्त्री के नाम भी बाहर होने की संभावना है।

संघ से खराब हुए संबंध

भाजपा में टिकट वितरण के दौरान एक खास बात उभरकर सामने आई है। इस बार टिकट वितरण में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के किसी स्थानीय पदाधिकारी का हस्तक्षेप नहीं है। इसकी वजह उज्जैन में पदस्थ एक अधिकारी है। उक्त अधिकारी की वजह से भाजपा के स्थानीय नेता और जनप्रतिनिधियों का संघ के स्थानीय पदाधिकारियों से तालमेल नहीं बैठ पा रहा है। सांसद फिरोजिया तो खुलकर यह बात स्वीकार भी कर चुके है। यहीं वजह है कि भाजपा में इस वक्त केवल नेताओं की रायशुमारी ही चल रही है, संघ का दखल नहीं बन पा रहा है।

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