महाकाल मंदिर: गर्भगृह में दबे दर्शनार्थी महिलाएं-बच्चे रो पड़े

सभा मंडप में क्षमता से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचने से मची अफरा-तफरी।

भारी भीड़, चांदी गेट पर हादसा होते बचा

उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में सोमवार को भी बड़ी संख्या में दर्शनार्थी भगवान महाकाल के दर्शन को पहुंचे थे। इनमें 1500 रु. विशेष दर्शन टिकट धारियों की भीड़ चांदी गेट पर इस कदर उमड़ी की बेरिकेड्स गिरते-गिरते बचे। बच्चे दब गए और महिलाएं भीड़ में दबने के कारण रो दीं। इस दौरान दर्शनार्थियों में लाइन में लगने को लेकर लात-घूंसे भी चले। प्रशासक मामले की जांच कर रहे हैं कि इतनी बड़ी संख्या में आखिरकार दर्शनार्थी टिकट बंद करने के बावजूद कैसे पहुंच गए?

श्री महाकालेश्वर मंदिर में शनिवार, रविवार और सोमवार को बड़ी संख्या में दर्शनार्थी भगवान महाकाल के दर्शन को उमड़ते हैं। सोमवार को भी बड़ी संख्या में दर्शनार्थी भगवान महाकाल के दर्शन को आए। साथ ही 1500 रुपए विशेष दर्शन टिकटधारी भी बड़ी संख्या में सभामंडप स्थित चांदी गेट पर पहुंच गए। चांदी गेट निरीक्षक राकेश श्रीवास्तव ने भीड़ की स्थिति को देखते हुए सुबह 6.30 बजे विशेष दर्शन टिकट सत्कार शाखा में बैठी अनिता शर्मा को कहकर बंद करवा दिए थे। लेकिन चांदी गेट पर लगातार भीड़ बढ़ती गई। स्थिति यह हो गई कि दर्शनार्थियों की लाइन चांदी गेट से लेकर राम मंदिर के पास स्थित रैंप तक पहुंच गई। भीड़ से सभामंडप ठसाठस भर गया। इसमें कई बच्चे और महिलाएं दब गईं। कई महिलाओं ने तो दबने के कारण रोना शुरू कर दिया था। स्थिति यह थी कि सुबह 10 बजे तक रसीद खत्म नहीं हुई थी।

लाइन में लगने को लेकर लात-घूंसे चले

भीड़ का दबाव इतना अधिक था कि चांदी गेट निरीक्षक और वहां पर मौजूद सुरक्षाकर्मी अपने को असहाय पा रहे थे। मंदिर के अन्य कर्मचारियों को भी वहां पर सेवा देने के लिए बुला लिया गया था। लेकिन दर्शनार्थी पहले मैं….पहले मैं के चक्कर में दो बार आपस में झगड़ पड़े। एक बार दर्शनार्थियों में चांदी गेट के पास तो दूसरी बार राम मंदिर के पास आपस में लात घूंसे चले।

सुबह ढाई घंटे चलते हैं दर्शन

जानकारी में आया है कि सुबह 6.15 बजे गर्भगृह में 1500 रुपए विशेष दर्शन टिकटधारियों को प्रवेश करवाया जाना शुरू कर दिया जाता है। उनको 6.45 बजे तक दर्शन करवा कर आरती के चलते प्रवेश बंद कर दिया जाता है। इसके बाद 7.45 बजे दर्शन फिर से शुरू होते हैं, जोकि दूसरी आरती से पूर्व 9.45 बजे बंद कर दिए जाते हैं। लेकिन सुबह 10 बजे तक रसीद समाप्त नहीं हो पाई थी।

स्टील बेरिकेट्स गिरते गिरते कई बार बचा

चांदी गेट में प्रवेश करने से पूर्व एक स्टील का बेरिकेट्स लगा दिया जाता है। ताकि टिकट देखने और दर्शनार्थी को प्रवेश देने में किसी प्रकार की कोई गलती न हो। लेकिन पीछे से आ रहे धक्के के कारण स्टील का बेरिकेट्स कई बार गिरने से बचा। वहां पर मौजूद सुरक्षाकर्मी ने बेरिकेट्स को गिरने से कई बार बचाया। अन्यथा हादसा होने से इंकार नहीं किया जा सकता था।

पहले ही बांट दिए गए विशेष दर्शन टिकट

इस मामले में जब महाकालेश्वर मंदिर प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मामले की जानकारी मिलने के बाद अतिरिक्त कर्मचारियों को भीड़ का नियंत्रित करने के लिए लगा दिया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि आश्चर्य की बात है कि सुबह 6.30 बजे जब टिकट बंद करवा दिया गया था तो आखिरकार इतनी बड़ी संख्या में दर्शनार्थी रसीद लेकर कहां से आ गए? इस बात की जांच की जाएगी कि कहीं एक दिन पहले से ही तो टिकट काटकर नहीं दे दी जाती। मामले में सत्कार शाखा के टिकट काटने वाले कर्मचारियों के उपर बात आ रही है।

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