उज्जैन में मेडिकल कॉलेज पर 260 करोड़ रूपए होंगे खर्च

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सांसद ने कहा- नरेश जीनिंग की जमीन पर बनाएंगे मेडिकल कॉलेज

उज्जैन, अग्निपथ। मध्यप्रदेश शासन की केबिनेट ने मंगलवार को उज्जैन को लेकर एक बड़ा फैसला किया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई केबिनेट बैठक में उज्जैन और बुधनी में मेडिकल कॉलेज खोलने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। उज्जैन में मेडिकल कॉलेज का प्रारूप क्या रहेगा, इसको लेकर फिलहाल संशय की स्थिति बनी हुई है।

सांसद अनिल फिरोजिया की माने तो उज्जैन में प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज पूरी तरह से सरकारी होगा और इसे आगर रोड पर नरेश जीनिंग फैक्ट्री की रिक्त कराई गई जमीन पर बनाया जाएगा। दूसरी तरफ विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा भी पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के अंतर्गत मेडिकल कॉलेज खोलने का प्रस्ताव शासन को भेजा हुआ है।

सांसद फिरोजिया ने बताया कि राज्यशासन ने मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए 260 करोड़ रुपए की लागत वाले प्रस्ताव को प्रशासकीय स्वीकृति दी है। सांसद फिरोजिया ने कहा कि कोविड काल में जब उज्जैन में मृत्युदर 30 प्रतिशत तक पहुंच गई थी, तब सर्वसुविधा युक्त मेडिकल कॉलेज खोलने की जरूरत सबसे ज्यादा महसूस की गई थी। उसी दौर में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उज्जैन में मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की थी।

संभाग में हो जाएंगे 4 मेडिकल कॉलेज

केबिनेट बैठक में उज्जैन के प्रतिनिधि के रूप में मौजूद उच्चशिक्षा मंत्री डा. मोहन यादव ने कहा कि उज्जैन में मेडिकल कॉलेज की मंजूरी के बाद उज्जैन संभाग मध्यप्रदेश का पहला ऐसा संभाग हो जाएगा जहां 4 मेडिकल कॉलेज होंगे। रतलाम में मेडिकल कॉलेज शुरू हो चुका है। मंदसौर और नीमच में भी स्वीकृति मिल चुकी है।

विक्रम विवि ने भी भेजा है प्रस्ताव

  • विक्रम विश्वविद्यालय ने एमबीबीएस की 100 सीट का मेडिकल कॉलेज पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के जरिए खोलने का प्रस्ताव शासन को भेजा है।
  • कॉलेज के लिए विक्रम विवि के पास नया भवन भी है, इसे 4 महीने पहले ही मेडिकल कॉलेज के लिए रिजर्व घोषित कर दिया गया है। 4 करोड की लागत से बने 20 कमरे के इस नए भवन का 6 महीने पहले ही लोकार्पण किया गया है। फिलहाल यहां लॉ अध्ययनशाला संचालित हो रही है।
  • मेडिकल कॉलेज के साथ जरूरी अस्पताल के लिए विक्रम विवि ने चरक भवन अस्पताल को सौंपने का प्रस्ताव शासन को भेजा हुआ है।
  • शासन की तरफ से जरूरी अनुमतियां मिलने के बाद उच्चशिक्षा विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग, विक्रम विश्वविद्यालय और टेंडर के जरिए तय होने वाली निर्धारित निजी फर्म के बीच मेडिकल कॉलेज संचालित करने का अनुबंध होगा।
  • प्रस्ताव है कि इससे शासन की बहुत कम धनराशि खर्च होगी और उज्जैन की मेडिकल कॉलेज की मांग भी पूरी हो जाएगी।

इनका कहना है

विक्रम विवि का पीपीपी मॉडल वाला प्रस्ताव हमारे संज्ञान में है। मैंने ही इस प्रस्ताव का विरोध किया था। हमें सरकारी मेडिकल कॉलेज ही चाहिए और इसी के लिए केबिनेट से मंजूरी मिली है। 

– अनिल फिरोजिया, सांसद

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