तेरहवीं का कार्यक्रम हरसिद्धि धर्मशाला और अन्न क्षेत्र में किया आयोजित
उज्जैन, अग्निपथ। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में अपने जीवन के स्वर्णिम काल को होम करने वाली बेबी उर्फ सरोज बाई कापडऩीस की गुरुवार को तेरहवीं की रस्म पूरी की गई। मंदिर प्रशासन ने एक परिवार की भांति वह सभी कार्य पूर्ण किए जोकि मरणोपरांत किए जाते हैं। महाराष्ट्र परस्पर पेढ़ी में बेबी के जमा 55 हजार रुपये भी मंदिर प्रबंध समिति के खाते में जमा हो गए हैं।
महाकालेश्वर मंदिर प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ के निर्देशन में सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने गुरुवार को बेबी की तेरहवीं का कार्यक्रम आयोजित करवाया। बेबी के महाराष्ट्रीयन होने के कारण इस पूरा कार्यभार मंदिर कर्मचारी अशोक लांडगे को सौंपा गया। महाराष्ट्रीयन परंपरा अनुसार कुंवारी महिलाओं का तेरहवी का कार्यक्रम आयोजित नहीं होता है। लिहाजा 15वां का कार्यक्रम गुरवार की सुबह हरसिद्धि धर्मशाला में उदक शांति के नाम से आयोजित किया गया।
इसमें 5 ब्राह्मणों और 5 कन्याओं को अल्पाहार करवाया गया। ब्राह्मणों द्वारा उनकी आत्मशांति के लिए पाठ किया गया। इसके पश्चात नि:शुल्क अन्न क्षेत्र में भोजन जिमाने का कार्यक्रम आयोजित हुआ। भोजन में सब्जी पूड़ी, रायता और गुलाब जामुन का मीनू रखा गया था। शयन आरती भक्त मंडल के कार्यकर्ता महेन्द्र कटियार, प्रभात साहू सहित अन्य लोगों ने श्रद्धालुओं को परोसगारी की।
55 हजार रु. मंदिर के खाते में जमा
बेबी अपने पीछे जो कुछ भी कमाया हुआ छोडक़र गई थीं, वह पहले ही मंदिर प्रबंध समिति को सौंप गई थीं। उनका 51 हजार रुपये महाराष्ट्र परस्पर पेढ़ी में भी जमा थे जोकि गुरुवार तक 55 हजार 555 रुपये हो गए थे। इसको चेक के माध्यम से मंदिर प्रबंध समिति के खाते में डाल दिया गया। ज्ञात रहे कि पूर्व में बेबी अपनी जिंदगीभर की कमाई 3.60 लाख रुपये मंदिर प्रबंध समिति को दान कर चुकी हैं।