पूर्णिमा पर सिद्धवट और गयाकोठा पर लगी लंबी कतार

पितरों के श्राद्ध शुरू, रामघाट पर भी किया तर्पण

उज्जैन, अग्निपथ। श्राद्ध पक्ष के पहले दिन पूर्णिमा का श्राद्ध था। शनिवार को गयाकोठा तीर्थ और सिद्धवट पर दूध अर्पित करने के लिए लंबी लाइन लगाकर श्रद्धालुओंन ेने अपने पितरों के निमित्त श्रद्धाभाव दर्शाया। तर्पण पिंडदान करने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। सुबह से ही दूध चढ़ाने के लिए लंबी कतार लगी थी। वहीं पूर्वजों की आत्मशांति के लिए लोगों ने तर्पण और श्राद्ध कर्म किया। इसके अलावा शिप्रा तट पर भी श्रद्धालुओं ने स्नान कर पूजन-अर्चन किया।

सोलह दिवसीय श्राद्धपक्ष के चलते पहले दिन पूर्णिमा होने से धार्मिक नगरी में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। अंकपात स्थित गयाकोठा का महत्व बिहार के गया के समान माना गया है। यहां पर सुबह से ही श्रद्धालुओं के पहुंचने का क्रम शुरू हो गया था। दूध अर्पित करने के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतार अल सुबह से लगी रही। लोगों को दो घंटे तक इंतजार करना पड़ा। इसके साथ ही यहां पर हजारों लोगों ने पूर्वजों की आत्मशांति के लिए तर्पण, श्राद्धकर्म भी किया। शिप्रा तट स्थित सिद्धवट पर दूध अर्पित करने के लिए लोग सुबह 5 बजे से पहुंचने लगे थे। सिद्धवट मंदिर के पुजारी पंडित सुरेंद्र चतुर्वेदी ने बताया कि पूर्णिमा पर प्रात: 4 बजे से भगवान सिद्धवट मंदिर के पट खोले गए।

रामघाट पर भी उमड़ी आस्था

रामघाट पर भी अपने पितरों के निमित्त तर्पण और पिंडदान करवाने वाले श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगी रही। ग्रामीण क्षेत्र के लोगों ने रामघाट पर शिप्रा में स्नान करने के बाद पिंडदान व तर्पण कार्य किया। ज्योतिषाचार्य पं. अमर डिब्बावाला ने बताया कि रामघाट पर अपने पितरों के निमित्त बड़ी संख्या में तर्पण पिंडदान करवाने के लिए श्रद्धालु पहुंचे थे। यह सिलसिला पूरे 16 दिन तक चलता रहेगा।

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