शादी के रिसेप्शन में वृद्धाश्रम के बुजुर्गों को न्योता दिया

इंदौरी दुल्हन के इस कदम की हो रही तारीफ

इंदौर, अग्निपथ। देव उठनी ग्यारस पर इंदौर की एक दुल्हन द्वारा अनूठी पहल की गई। अपने परिवार में बुजुर्ग सदस्यों को खोने के बाद उनकी कमी महसूस होने पर उसने परिवार में होने वाले शादी के मांगलिक आयोजन में शहर में निराश्रित बुजुर्गों को न्योता दिया। खास बात यह कि शादी में अधिकांश बुजुर्ग ही थे। इनके वेलकम करने के लिए रेड कारपेट बिछाया और अपने हाथों से भोजन परोसा। इस अनूठे आयोजन में बुजुर्गों को भी सालों बाद अपनापन मिला।

मामला सुविधि नगर, एरोड्रम में रहने वाले जितेंद्र प्रताप सिंह चौहान की बेटी पूजा (भावना) चौहान का है। उनकी दादा-दादी अब इस दुनिया में नहीं है। पूजा की सोच है कि परिवार की शादी में होने वाले मांगलिक आयोजनों में निराश्रित बुजुर्गों सम्मिलित कर यह शादी संपन्न की जाएं ताकि परिवार में बुजुर्गों की कमी भी महसूस न हो। दूसरी ओर उन बुजुर्गों को जिनका या तो इस दुनिया में अब कोई भी नहीं है या परिवार द्वारा त्याग दिए गए हैं उन्हें भी एक बहुत अच्छी अनुभूति का एहसास हो। इस सोच के साथ परिजन ने शहर के निराश्रित सेवा आश्रम से संपर्क किया। उन्होंने संचालक यश पाराशर और सेवादार श्याम सोनगरा को दिल की बात बताई तो उन्होंने भी सहमति दे दी।

सम्मान में लाल कालीन बिछाया

संचालक ने सभी बुजुर्गों की इच्छा जानी तो वे भी खुश हुए और हामी भरी। शादी शुक्रवार को देव उठनी ग्यारस पर राजीव गांधी चौराहा स्थित एक मांगलिक भवन में थी। समारोह में आने-जाने के लिए बुजुर्गों के लिए एक स्पेशल वाहन का इंतजाम किया गया। शाम को आश्रम से 35 बुजुर्गों को तैयार कर उन्हें शादी में ले जाया गया। वहां उनके आगमन पर लाल कालीन बिछाने के साथ सुंदर सजावट की गई। मुख्य द्व्रार पर दुल्हन व उसके परिवार ने अगवानी की और ससम्मान हाथ थामे अंदर ले गए।

टेबल-कुर्सी पर कराया भोजन

समारोह में इन बुजुर्गों का ध्यान रखते हुए उन्हें शादी के मुहूर्त के पहले ही टेबल-कुर्सी पर भोजन कराया। इस दौरान दुल्हन पूजा ने सभी को अपने हाथों से परोसा। सालों बाद इस तरह के आत्मीय आयोजन में शामिल होने से सभी बुजुर्गों को भी काफी अच्छा लगा। उन्होंने पूजा को आशीर्वाद दिया और दीर्घायु की कामना की। इस समारोह में बुजुर्ग और दुल्हन के कुछ रिश्तेदार ही शामिल हुए थे। पूजा की शादी इंदौर के ही युवक देवेंद्र परिहार से हुई है। पूजा व उसके परिवार की इस अनुकरणीय पहल की दूल्हे व उसके परिवार ने भी काफी सराहना की।

प्रेरणादायक कदम, लोग आगे आएं

निराश्रित आश्रम के संचालक यश पाराशर ने बताया कि यह आयोजन भविष्य के लिए एक बहुत प्रेरणादायक प्रसंग के रूप में सामने आया है। समाज में जिन परिवारों में बुजुर्गों का साया उठ चुका है वह भी अपने किसी भी मांगलिक या वैवाहिक कार्यक्रम में आश्रम के बुजुर्गों को न्यौता दे सकते हैं।

Next Post

बाइक सवार पिता-पुत्री को बस ने कुचला

Sat Nov 5 , 2022
उज्जैन, अग्निपथ। बाइक पर सवार दम्पति अपनी 2 पुत्रियों के साथ घर लौट रहे थे। मक्सीरोड पर बस ने टक्कर मार दी। गिरते ही पिता-पुत्री पर बस का पहिया चढ़ गया। पंवासा थाने के एसआई एमएस अलावा ने बताया कि पानबिहार चौकी के ग्राम गुनाई जागीर में रहने वाला सत्यनारायण […]