समय से पहले बौराया आम का पेड़

जलवायु परिवर्तन के संकेत, दिसंबर में आये आम के बौर

इंदौर, अग्निपथ। स्थानीय जी एस आई टी एस परिसर में लगे आम के पेड़ पर दिसंबर की शुरुआत में ही भरपूर बोर आ गए हैं।यह जलवायु में आ रहे बदलाव की गंभीर चेतावनी है।

इंदौर स्थित श्री गोविंदराम सेकसरिया प्रोद्योगिकी और विज्ञान संस्थान के परिसर में लगे लगभग 50 साल पुराने आम के पेड़ में दिसंबर की शुरुआत में ही बौर आ गए हैं। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। यह घटना परिसर के निवासियों को हैरान कर रही है। शीत ऋतु में इस बार हर कुछ दिन के बाद मौसम में बदलाव दिखाई पड़ रहा है।

मौसम का मिजाज इस बार कुछ बदला बदला सा नजर आ रहा है। इसी परिवर्तन का नतीजा है कि आम का यह पेड़ जो वसंत में बौर से लद जाता था उसमें अभी से बौर फूट गए हैं। यहां 25 से भी अधिक वर्षों से रह रहे निवासी राजकुमार जैन बताते है कि सालों से हम देखते आ रहे हैं कि पहले शिवरात्रि के दौरान शिव जी को आम की बोर चढ़ाते थे, तभी आम के आने की दस्तक मिलती थी। लेकिन इस बार समय से बहुत पहले ही फूल आ गए हैं।

यह प्रकृति से किए जा रहे खिलवाड़ के कारण जलवायु में आ रहे परिवर्तन का ही नतीजा है। इसे एक गंभीर चेतावनी के रूप में देखे जाने की आवश्यकता है। उनका यह भी मानना है कि विश्व में लगातर बढ़ रहे प्रदूषण व तापमान के कारण जलवायु में ऐसी विसंगतियां देखने में आ रही हैं। यदि यही स्थिति ज्यादा दिन तक बनी रही, तो पर्यावरण में लगातार चौंकाने वाले परिवर्तन दिखाई देते रहेंगे। प्रकृति में हो रहे ऐसे अवांछित परिवर्तन एक गंभीर विषय है। इस विषय पर पर्यावरण वैज्ञानिकों को शोध करना चाहिए।

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