भस्मारती में नंदी हॉल गेट पर श्रद्धालुओं का जोरदार हंगामा

उज्जैन, अग्निपथ। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में शुक्रवार अलसुबह की भस्मारती में गुजरात से आये महिला पुरुष श्रद्धालुओं ने जोरदार हंगामा किया। वे नंदीहाल में बैठने के लिये सुरक्षाकर्मियों से भिड़ गये। वह प्रधानमंत्री के विधानसभा क्षेत्र से आये श्रद्धालु बताकर रौब झाड़ रहे थे। सुरक्षाकर्मियों ने उनको रोका तो लेकिन उनके ही सामने वीडियो बनाने के चलते श्रद्धालु और ज्यादा भडक़ गये। आखिरकार उनको पुलिसकर्मियों ने कार्तिकेय मंडपम से दर्शन करवा कर यहीं से बाहर रवाना कर दिया गया। ताकि बाहर निकल कर फिर से विवाद न शुरु कर दें।

शुक्रवार की अलसुबह 5 बजे गुजरात से आया हुआ 50 श्रद्धालुओं का जत्था ओंकारेश्वर मंदिर के सामने स्थित नंदीहाल रैंप चैनल गेट से प्रवेश कर गये और सीधे नदींहॉल के गेट पर पहुंच गये। यहां से केवल वीवीआईपी को ही प्रवेश दिया जाता है। यह देखकर वहां पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने उनको प्रवेश देने में असमर्थता जताई। श्रद्धालुओं का कहना था कि वे प्रधानमंत्री के विधानसभा क्षेत्र से आये हैं।

सुरक्षाकर्मियों ने जबरन प्रवेश का विरोध किया तो उन्होंने धक्का मुक्की और बहस शुरु कर दी। यह ड्रामा करीब 5.40 बजे तक चला। आखिरकार वह रैंप पर ही बैठ गये। ज्ञातव्य रहे कि शुक्रवार को 1700 भस्मारती अनुमति जारी की गई थीं। श्रद्धालुओं के पास आनलाइन अनुमति थीं। पूरा गणपति मंडपम श्रद्धालुओं से खचाखच भरा हुआ था।

केवल 30 मिनट की भस्मारती देखी

रात 5 बजे शुरु हुआ विवाद करीब 40 मिनट तक चलता रहा। इस दौरान आधी से ज्यादा भस्मारती निकल चुकी थी। गुजरात से आये श्रद्धालु केवल 30 मिनट की भस्मारती ही देख पाये। बताया जा रहा है कि सुरक्षाकर्मियों के वीडियो बनाने से श्रद्धालु और ज्यादा भडक़ गये थे। लेकिन पुलिसकर्मियों द्वारा मोर्चा संभाले जाने के बाद स्थिति नियंत्रण में आई और श्रद्धालु कार्तिकेय मंडपम में बैठने पर राजी हुए।

पुलिस कंट्रोल रूम से बुलाया बल

श्रद्धालुओं की संख्या अधिक होने से वहां पर तैनात पुलिसकर्मियों पर भारी पड़ रहे थे। उलट महिला श्रद्धालु विवाद अधिक पैदा करने की कोशिश कर रही थीं। यह देखकर मंदिर के अधिकारियों ने पुलिस कंट्रोल रूम से बल बुलाया। पुलिस बल के जवानों ने उनको समझाइश तब भी श्रद्धालु मानने के लिये तैयार नहीं थे।

वॉशरूम जाने के लिये महिलाओं के हाथ पर निशान

जानकारी के अनुसार भस्मारती में आने वाली महिला सहित पुरुष श्रद्धालुओं के हाथ में बालपेन से वॉशरूम जाने से पहले निशान लगा दिया जाता है। ताकि कोई अन्य इसका फायदा न उठा कर अंदर न आ सके।। लेकिन सुरक्षाकर्मियों द्वारा महिलाओं के हाथ पकड़ कर निशान लगाया जाता है। इसका विरोध महिलाओं द्वारा किया जाता है। ज्ञात रहे कि पुरुष की जगह महिला सुरक्षाकर्मियों को वॉशरूम जाने के लिये महिलाओं के हाथों में निशान लगाया जाना चाहिये। लेकिन भस्मारती में यह सबकुछ अधिकारियों की अनभिज्ञता में चल रहा है। किसी दिन कोई बड़ा बवाल इसको लेकर हो सकता है।

नंदीहाल में थी जगह खाली

नंदीहाल में श्रद्धालुओं के बैठने के लिये काफी जगह थी। लेकिन श्रद्धालुओं के पास जो अनुमति थी, वह नंदीहाल की नहीं थी। आनलाइन अनुमति थी। लिहाजा हंगामा होते देखकर पुलिसकर्मियों ने मामला संभाला। उन्होंने श्रद्धालुओं को काफी देरतक समझाया। इसके बाद उनको ले जाकर कार्तिकेय मंडपम में बैठाया। करीब 40 मिनट चला यह ड्रामा आखिरकार समाप्त तो हुआ, लेकिन पुलिसकर्मियों ने विवाद को टालने के लिये श्रद्धालुओं को भस्मारती होने के बाद सीधे बाहर की ओर रवाना कर दिया। ताकि मामला आगे नहीं बढ़ पाये।

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