कलेक्टर के बाद सांसद ने लिया गर्भ गृह दर्शन ड्रेस कोड पर संज्ञान

मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में रखा जाएगा मुद्दा, परंपरा अथवा जबरदस्ती थोपा गया

उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में परंपरा अथवा व्यवस्था के नाम पर वीआईपी अथवा 15 सो रुपए टिकट लेकर दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं को गर्भ ग्रह में प्रवेश के दौरान ड्रेस कोड में आने की अनिवार्यता को लेकर पहले कलेक्टर और बाद में सांसद ने भी दिशा की बैठक में संज्ञान लिया। दैनिक अग्निपथ इस मामले को पहले ही उठाकर पुजारियों के बीच ले गया था जिसमें अलग-अलग राय प्राप्त हुई थी।

विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में गर्भ ग्रह में वीआईपी और 1500 रुपए टिकट धारी दर्शनार्थी को प्रवेश के दौरान ड्रेस कोड में होना आवश्यक किया गया है जिसको परंपरा का भी नाम दिया गया है और यह व्यवस्था काफी समय से महाकालेश्वर मंदिर में लागू है जिसको लेकर श्रद्धालुओं को परेशानी उठानी पड़ती है। ड्रेस कोड में श्रद्धालु को गर्भ ग्रह में प्रवेश के दौरान शोल और धोती और महिलाओं को साड़ी ब्लाउज पहनना आवश्यक किया गया है। ऐसे में 1500 रुपए की दर्शन टिकट लेकर श्रद्धालु पैसे तो खर्च करता ही है इसके साथ में उसको मौसम संबंधी परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है। और अभी भी श्रद्धालु पड़ रहा है जिसके चलते श्रद्धालुओं का काफी समय इस व्यवस्था में खराब हो रहा है।

दैनिक अग्निपथ इस मामले में पहले ही समाचार प्रकाशित कर अधिकारियों के संज्ञान में लाने का प्रयास किया गया था। नवागत कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम द्वारा इस मामले को लेकर प्रशासक संदीप सोनी से भी बातचीत कर ड्रेस कोड के बारे में जानकारी प्राप्त की गई थी। अब यह मुद्दा एक बार फिर रोशनी में आया है जब सांसद ने भी दिशा की बैठक में इस मामले को उठाकर जनप्रतिनिधियों को गर्व से दर्शन नहीं करने देने पर आपत्ति उठाई है।

सांसद ने प्रशासक से ड्रेस कोड के बारे में की बात

सोमवार को जिला समन्वय एवं निगरानी समिति की बैठक आयोजित हुई थी जिसमें सांसद अनिल फिरोजिया महापौर मुकेश टटवाल भी शामिल थे। मामले में हाल ही में महाशिवरात्रि पर्व पर जनप्रतिनिधियों को दर्शन के दौरान आई परेशानी का मुद्दा मुख्य रूप से उठा। साथ ही सांसद श्री फिरोजिया ने प्रशासक भी ड्रेस कोड की अनिवार्यता को लेकर सवाल जवाब किए थे प्रशासक श्री सोनी ने सांसद को आश्वस्त किया था कि महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की आगामी होने वाली बैठक में ड्रेस कोड का मुद्दा जाएगा। ऐसे में अब इसकी अनिवार्यता को लेकर कोई बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।

ड्रेस कोड के कारण जनप्रतिनिधि वंचित

महाकालेश्वर मंदिर में वीआईपी लोगों को प्रवेश के दौरान ड्रेस कोड का पालन करना पड़ता है साथ ही 1500 रुपए कि सचिन क्रिकेट से दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को भी ड्रेस कोड पहनना पड़ता है। वही सत्ता पक्ष के वीवीआइपी नेता को भी गर्भ ग्रह के बाहर से दर्शन करना पड़ता है। या अपना समय बर्बाद कर ड्रेस कोट पहनकर वह महाकाल दर्शन कर पाता है। ऐसे में सत्ता पक्ष के कई बड़े नेता जिसमें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और अन्य दूसरे बड़े नेताओं क्या आगमन के दौरान ड्रेस कोट के पालन में वह गर्व के दर्शन से वंचित हो जाते हैं।

सामान्य दर्शनार्थी पैंट शर्ट में क्यों

परंपरा या व्यवस्था के नाम पर इस तरह के गर्भ गृह प्रवेश के 2 नियम वर्षों से मंदिर में संचालित हो रहे हैं। जहां एक और वीआईपी और 1500 रुपए टिकट धारी गर्भ ग्रह में प्रवेश के दौरान ड्रेस कोड का पालन कर रहा है जिसमें बच्चे भी शामिल है। वहीं सामान्य दर्शनार्थियों के जब प्रवेश चलते हैं तो क्या वीआईपी और क्या सामान्य दोनों किसी भी वेशभूषा में भगवान महाकाल के दर्शन कर सकते हैं। ऐसे में गर्भाशय दर्शन के दो अलग-अलग नियम बनाया गया है। जिसके चलते श्रद्धालु विशेष तौर पर आप जनप्रतिनिधि परेशान हो रहे हैं।

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