विक्रमोत्सव 2023: पुरानी फिल्में समाज का धार्मिक और सांस्कृतिक चित्रण कर रही

आईएफएफएएस पौराणिक फिल्मों का अंतरराष्ट्रीय फि़ल्म समारोह का दूसरा दिन

उज्जैन, अग्निपथ। भारत उत्कर्ष, नवजागरण और वृहत्तर भारत की सांस्कृतिक चेतना पर एकाग्र विक्रमोत्सव 2023 (विक्रम सम्वत् 2080) अंतर्गत आईएफएफएएस पौराणिक फिल्मों का अंतरराष्ट्रीय फि़ल्म समारोह के दूसरे दिन शनिवार को 14 फिल्मों को दिखाया गया।
शनिवार को आयोजन में 1943 में बनी राम राज्य, 1960 की मायामछिन्द्र, 1947 की भक्त ध्रुव, 1978 की बलराम श्रीकृष्ण, वेनेजुएला की फि़ल्म मारिया लिओजा : ब्रेथ ऑफ आर्किड्स, विनाय बेहल निर्मित डॉक्यूमेंट्री फिल्में रामायण : अ शेयर्ड कल्चर, दर्शन आफ द डिवाइन इंडियन डाइटिज वर्शिप्ड इन जापान और इंडियन रूट्स आफ तिब्बतन बुद्धिज्म, 1950 में बनी श्री गणेश, 1955 की वामन अवतार, कन्नड़ भाषा की बब्रुवाहन, गुजराती फि़ल्म भक्त नरसिया, सम्राट विक्रमादित्य एवं जादूगर सांतला जोगी तथा पुर्तगाल की अनिबाल ओ कान्वेटाडोर शमिल है।

हम आपको बता दें कि उज्जैन में विक्रमोत्सव 2023 (विक्रम सम्वत् 2079) के अंतर्गत आईएफएफएएस पौराणिक फिल्मों का अंतरराष्ट्रीय समारोह का शुभारंभ पेरू एम्बेसी के राजदूत एच.ई. श्री जेवियर मैन्यूअल पॉलिनिच वेलार्डे तथा पेरू एम्बेसी के फर्स्ट सेक्रेटरी फाबियो सुबिया डियाज ने शुक्रवार को किया था। उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए वेलार्डे ने कहा कि उज्जैन में विश्व के पुरातन इतिहास पर केन्द्रित फिल्म फेस्टिवल में शामिल होकर मैं अपने आप को सौभाग्यशाली मानता हूँ।

भारत उत्कर्ष, नवजागरण और वृहत्तर भारत की सांस्कृतिक चेतना पर एकाग्र विक्रमोत्सव 2023 (विक्रम सम्वत् 2079) अंतर्गत आईएफएफएएस पौराणिक फिल्मों का अंतरराष्ट्रीय समारोह का शुभारंभ शुक्रवार को विक्रम कीर्ति मंदिर में हुआ। समारोह का उद्घाटन पेरू एबेंसी के राजदूत एच.ई. जेवियर मैन्यूअल पॉलिनिच वेलार्डे तथा पेरू एबेंसी के फस्र्ट सेक्रेटरी फाबियो सुबिया डियाज द्वारा किया गया ।

17 से 21 मार्च तक चलने वाले इस समारोह में आजादी के 75 अमृतवर्ष के अवसर पर देश और दुनिया की 75 बेहतरीन फिल्मों की स्क्रीनिंग की जा रही है जो दुनिया के पौराणिक, ऐतिहासिक, पुरातात्विक, वैदिक ज्ञान, विज्ञान और संस्कृति पर केन्द्रित है। इस मोके पर महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ के निदेशक श्रीराम तिवारी ने बताया कि पौराणिक फिल्मों पर केन्द्रित यह आयोजन दुनिया में पहली बार हो रहा है।

इंग्लिश सबटाइटल के साथ 13 देशो की फिल्मे देखने को मिलेगी

उज्जैन में हो रहे इस समारोह में भारत समेत पेरू, इंडोनेशिया, लिथुआनिया, कम्बोडिया, वेनेजुएला, जापान, पुर्तगाल, इसरायल, क्यूबा, नीदरलैंड, लिसोथो व ट्यूनिशिया की फिल्में जो भारतीय व अन्य विदेशी भाषाओं (हिन्दी, अंग्रेजी, तेलुगु, गुजराती, कन्नड़, राजस्थानी, मराठी व स्पेनिश) में निर्मित की गयी है उन्हें शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि पाँच दिवसीय यह कार्यक्रम रोजाना सुबह 10 बजे शुरू होकर रात 10 बजे तक चलेगा। प्रत्येक दिन 10 से अधिक फिल्मों की स्क्रीनिंग होगी और उन पर चर्चा की जायेगी। विदेशी फिल्में इंग्लिश सबटाइटल वर्जन के साथ दिखाई जायेगी।

दुनिया की 75 बेहतरीन फिल्मों की स्क्रीनिंग

पेरू एम्बेसी के राजदूत एच.ई. जेवियर मैन्यूअल पॉलिनिच वेलार्डे तथा पेरू एम्बेसी के फस्र्ट सेक्रेटरी फाबियो सुबिया डियाज ने कालिदास अकादमी में लगी प्रदर्शनी का अवलोकन किया। महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ के निदेशक श्रीराम तिवारी ने कहा कि 17 से 21 मार्च 2023 तक चलने वाले इस समारोह में आजादी के 75 अमृतवर्ष के अवसर पर देश और दुनिया की 75 बेहतरीन फिल्मों की स्क्रीनिंग की जा रही है जो दुनिया के पौराणिक, ऐतिहासिक, पुरातात्विक, वैदिक ज्ञान, विज्ञान और संस्कृति पर केन्द्रित हैं।

पहले दिन इन 12 फिल्मों की स्क्रीनिंग

1. राजा हरिशचन्द्र (1913), भारत 2. फॉल ऑफ सिविलाइजेशन, पेरू 3. द इंका सिटिज इन द क्लाउड (स्पेनिश), पेरू 4. कालियामर्दन (1919), भारत 5. विष्णु पुराण (1973) हिन्दी, भारत 6. भट्टी विक्रमार्क, तेलुगु, भारत 7. केदिरी सेजारल माजा पाहित, इंडोनेशिया 8. मेनेजर्स आफ लक, लिथुआनिया 9. नरसी भगत (1940), हिन्दी, भारत 10. भरत मिलाप (1942), हिन्दी, भारत 11. विक्रमा थु थान कंडा वेधालम, तेलुगु, भारत 12. द ख्मेर एम्पायर फॉल ऑफ गॉड किंग, कम्बोडिया।

अदभुत है समारोह

फि़ल्म देखने पहुँचे विष्णु कुमार कहते है यह समारोह का आयोजन अद्भुत है मैं आयोजकों को बधाई देता हूँ। हम अपनी संस्कृति, विरासत को फिल्मों के माध्यम से समझ पा रहे है। समारोह में युवाओं को जोडऩे का प्रयास किया जाना चाहिए।

आयोजन हमारे लिए सौभाग्य की बात

सिनेमा प्रेमी राजेन्द्र चतुर्वेदी का कहना है कि शहर में इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन हमारे लिए सौभाग्य की बात है देश और दुनिया की वर्षों पुरानी फिल्में एक मंच पर देखना खुशी की बात है। युवा साथी सिद्धान्त कहते है कि मेरी उम्र 31 साल है फिल्मों में कुछ चीजें ऐसी है जिसे देखकर कई महत्वपूर्ण पौराणिक, सांस्कृतिक व इतिहास से जुड़ी जानकारी, विचार व नए कॉन्सेप्ट मिलते है जो शायद मैंने अपनी जिंदगी में अभी तक अनुभव नहीं किये।

वेद अंताक्षरी का आयोजन आज

विगत कई वर्षो से विक्रमोत्सव के दिव्य आयोजन में अनुष्ठान मण्डपम ज्योतिष अकादमी एवं संस्कृति मंत्रालय भोपाल के संयुक्त तत्वावधान में वैदिक मंत्रों की अंत्याक्षरी का आयोजन किया जा रहा है। इस वर्ष भी आज वैदिक मंत्र अंत्याक्षरी के साथ सम्मान समारोह का आयोजन किया जाएगा।

संस्था अध्यक्ष ज्योतिषी पं चंदन श्यामनारायण व्यास ने बताया की 19 मार्च रविवार को सांय 4 बजे से पिपलीनाका रोड स्थित अति प्राचीन बाबा गुमानदेव हनुमान गढ़ी पर विक्रमोत्सव के अंतर्गत शुक्ल यजुर्वेद संहिता के मंत्रो पर आधारित मंत्रो की अंत्याक्षरी का दिव्य आयोजन किया जा रहा है। जिसमें शहर के सभी प्रमुख वैदिक विद्यालय के छात्र सहभगिता कर रहे हैं।

सर्व प्रथम बाबा गुमानदेव हनुमानजी महाराज का पूजन कर उन्हें मंत्रांजली अर्पित की जाएगी। पश्चात अतिथि द्वारा वेद का पूजन एवं दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ होगा। प्रतियोगिता में विजेता टीम को नगद राशि के साथ पुरुस्कार वितरण किया जाएगा। इसी के साथ ब्रह्मलीन प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य ज्यों पं श्याम नारायण व्यास की द्वितीय पुण्य तिथि पर सम्मान समारोह का भी आयोजन किया जाएगा। जिसमें अखिल भारतीय ब्रह्मण समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष पं सुरेंद्र चतुर्वेदी को अवंतिका गौरव सम्मान से अलंकृत किया जाएगा।

सूर्योपासना से प्रारम्भ होगा सनातनी नववर्ष

भारत उत्कर्ष, नवजागरण और वृहत्तर भारत की सांस्कृतिक चेतना पर एकाग्र विक्रमोत्?सव 2023 (विक्रम सम्वत् 2080) का समापन 22 मार्च 2023 को दत्त अखाड़ा घाट को होगा। इसके पहले सुबह 6.15 बजे सूर्य को अघ्र्य देकर सूर्य की उपासना की जायेगी। यह पूजन सनातनी नववर्ष की शुरूआत का होगा।

श्री नव संवत्सराभिनंदन समिति के प्रमुख धर्माधिकारी पं नारायण उपाध्याय व महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ के निदेशक श्रीराम तिवारी ने बताया कि प्रतिवर्ष अनुसार विक्रमोत्सव नव संवत्सर गुड़ी पड़वा पर मोक्षदायिनी माँ शिप्रा के पावन तट दत्त अखाड़ा घाट पर 22 मार्च 2023 को प्रात: 6.15 बजे भगवान श्री गणेश, बाबा महाकालेश्वर व माँ शिप्रा का पूजन कर भगवान सूर्य की प्रथम किरण का अभिनंदन कर सूर्य को अघ्र्य देकर सम्पूर्ण विश्व के मंगल की कामना की जाएगी।

इस अवसर पर संतगण, वेदपाठी बटुक, मातृशक्ति व गणमान्यजन सम्मिलित होंगे। कार्यक्रम को सफल बनाने की अपील पं. वासुदेव पुरोहित, पं. चंदन व्यास, पं. जियालाल शर्मा, पं. सुरेंद्र चतुर्वेदी, पं. राम शुक्ल, पं. यश जोशी, पं. गौरव उपाध्याय एवं सुभाष गुप्ता आदि ने की है।

Next Post

आप ने फूंका महंगाई का पुतला

Sat Mar 18 , 2023
बढ़ती महंगाई से गरीबों के घर का बिजली और रसोई ने बिगाड़ा बजट नागदा, अग्निपथ। बहुत हुई महंगाई की मार अबकी बार मोदी सरकार का नारा देकर देश में सत्तासीन हुई, भारतीय जनता पार्टी ने आज देश को कहां लाकर खड़ा कर दिया। 400 का गैस सिलेंडर आज 1200 में […]