रिसीवर सचदेव ने डॉ. लाहिरी के मकान को सील किया

पिता की तस्वीर को हाथों में लेकर घर से बाहर निकली मां-बेटी

नागदा, अग्निपथ। विशेष न्यायालय इंदौर के आदेश पर शुक्रवार को कलेक्टर द्वारा नियुक्त रिसीवर नगरपालिका, राजस्व, पुलिस एवं विद्युत कंपनी की संयुक्त टीम को लेकर डॉ. विनोद लाहिरी के मकान को सील करने की कार्यवाही की। लगभग साढ़े तीन घंटे तक चली कार्यवाही के दौरान डॉ. लाहिरी के पत्नी और बेटी ने समय देने की गुहार लगाई, लेकिन रिसीवर ने मकान को सील कर दिया और मां बेटी को घर से बाहर निकला दिया।

एसडीएम आशुतोष गोस्वामी के निर्देशन में रिसीवर तहसीलदार रेखा सचदेव ने डॉ. विनोद लाहिरी के मकान को सील करने की कार्यवाही की। तहसीलदार सचदेव प्रात: 11 बजे राजस्व, नगरपालिका, पुलिस एवं विद्युत कंपनी की टीम के साथ कार्यवाही करने के लिए पहुंची। इस दौरान डॉ. विद्या लाहिरी, डॉ. बिन्नी लहरी हाईकोट के स्टे आर्डर आफिस टाईम शाम साढ़े पांच बजे तक आने की बात कहती रही, तहसीलदार ने मां बेटी का मोबाईल जप्त कर कार्यवाही शुरु कर दी।

कार्यवाही के दौरान तीन मंजिला मकान के प्रत्येक कक्ष की वीडियोग्राफी करवाने के बाद साथ सामग्री को सुचीबद्ध किया। 4 करोड़ 11 लाख 13 हजार 554 रुपए मूल्य की सम्पत्ति विशेष न्यायायलय के आदेश पर सील की। कार्यवाही के दौरान तहसीलदार सचदेव और आरआई रतनलाल डामोर पर कागजी कार्यवाही की पुर्ति करने को लेकर तीखी नोकझोंक हुई, आखिरकार आरआई को कहना पड़ा कि मेडम भाषा को नियंत्रित करे, तब जाकर तहसीलदार ने गुस्सा करना शांत किया।

जबकि एक अन्य आरआई गजेंद्रसिंह सेंगर कागजी कार्यवाही का हिस्सा नहीं बने, सिर्फ मुकदर्शक बनकर कार्यवाही देखते रहे। शाम लगभग 3:33 बजे तहसीलदार मुख्य द्वार पर ताला लगाने की कार्यवाही की। इस दौरान पटवारी अनिल शर्मा, नरेंद्र जाटव, अमित पालीवाल, नपा इंजीनियर जितेंद्र पटेल, टाईम कीपर अशोक परमार, रामसिंह, महिला आरक्षक भुली, संजीव नयन, हितेश हाड़ा, कोटवार राधेश्याम बोडाना, गोवर्धन, सुनील बैरागी, विद्युतकर्मी प्रेम आदि मौजूद रहे।

क्या है मामला

2 फरवरी 2012 में लोकायुक्त की टीम ने डॉ. विनोद लाहिरी के मकान में कार्यवाही की थी। इस दौरान महलनुमा मकान में नोट गिनेन की मशीन, एक लंबी चौड़ी तिजौरी, इंदिरा नगर उज्जैन, हास्पीटल रोड़ नागदा में मकान, इंदौर में दो मकान, नर्सिग होम, स्वमिंग पुल सहित लगभग 25 करोड़ की सम्पत्ति का खुलासा हुआ था। दंपत्ति पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया गया था।

डॉ. विनोद ओर डॉ. विद्या लाहिरी के खिलाफ शिकायतें भी थी कि यह सरकारी नौकरी में होने के बाद भी मरीजों को नर्सिंग होम मे जाने का बोलते है शिकायत के बाद वर्ष 2010 में संस्पेंड कर संयुक्त संचालक स्वास्थ्य उज्जैन में अटैच कर दिया गया था, डॉ. विनोद डबल एमएस होकर क्लास वन अधिकारी रहे, जबकि पत्नी विद्या लाहिरी स्त्री व प्रसूति रोग विशेषज्ञ है। डॉ. विनोद की 9 मई 2022 को मृत्यु हो चूकी है।

अधिकारों के दुरुपयोग का मामला

यह आदेश विशेष न्यायाधीश गंगाचरण दुबे ने मध्यप्रदेश शासन के विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन बनाम डॉ. विनोद लहरी, डॉ. विद्या लहरी, कु. बिन्नी लहरी तथा अभिषेक लहरी के दर्ज प्रकरण में दिया है। डॉ. विनोद लहरी शल्य क्रिया विशेषज्ञ तथा डॉ. विद्या लहरी चिकित्सक के रूप में सिविल हॉस्पिटल नागदा में पदस्थ थे।

उक्त मामला उपरोक्त चिकित्सक दम्पत्तियों द्वारा अधिकारों का दुरुपयोग कर असमानुपातिक तथा आय से अधिक संपत्ति एकत्र करने का था। लोकायुक्त ने उज्जैन-नागदा में करीब 11 साल पहले डॉक्टर दंपति के आवास पर छापा मारा था। इसमें तब 25 करोड़ से अधिक की संपत्ति का खुलासा हुआ था। अनुमान के मुताबिक दोनों को वेतन के रूप में केवल 80 लाख रुपए के करीब ही मिले थे। इसके अलावा बरामद संपत्ति आखिर कहां से आई? इस संबंध में डॉक्टर दंपति कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दे पाए।

ईमानदारी की कीमत चुकाना पड़ रही

कार्यवाही के अंतिम दौर में जब रिसीवर सचदेव ने मां बेटी को घर से बाहर आने के लिए कहा तो डॉ. विद्या लाहिरी पति डॉ. विनोद लाहिरी की तस्वीर हाथों में लेकर बाहर आई ओर रुधे कंठ से कहा कि हमने कोई बेईमानी नहीं की है हमें ईमानदारी की कीमत चूकाना पड़ रही है व्यक्ति का सपना होता है अच्छा घर बनाए, डॉ. विनोद के निधन के बाद अब आखिरी यादे भी हमसे छीन गई है हमनें मेहनत करके नागदा के सरकारी अस्पताल को आईएसओ का दर्जा दिलाया, कोरोना समय में भी डॉ. विनोद लाहिरी ने सतत सेवाएं दी, नवीन अस्पताल भवन में बेहतर लेबर रुम सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई।

मेरे जमाई गवालियर में उनकी मां का अंतिम संस्कार कर रहे है और इधर हमको घर से बाहर कर दिया गया। हम न्यायालय द्वारा निर्धारित की गई राशि को अदा करने के लिए तैयार है इसके लिए हमें समय तो देना चाहिए।

लोकायुक्त ने दस साल पहले छापामार कार्यवाही की थी

गोपनीय शिकायत पर लोकायुक्त निरीक्षक बसंत श्रीवास्तव ने टीम के साथ फरवरी 2012 में चिकित्सालय मार्ग गली नंबर एक ििसत डॉ. लाहिरी के निवास पर अलसुबह छापामार कार्यवाही की थी। मामले में कई पैचीदगयिों के बाद 24 सितंबर 2014 को डॉ. लाहिरी दंपत्ति के खिलाफ अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया।

हालांकि कि कुछ कानूनी मापदंडों की अनदेखी से अभियोग पर सुनवाई 24 जनवरी 2017 से शुरु हो पाई। प्रकरण में यह सामने आया कि लाहिरी दंपत्ति ने 1 दिसंबर 2000 से 10 फरवरी 2012 के मध्य कुल 1 करोड़ 76 लाख 62 हजार 816 रुपए की आय अर्जित की। जबकि इसके विपरीत डॉ. दंपत्ति ने 5 करोड़ 87 लाख 77 हजार 188 रुपए का व्यय किया। इस तरह कुल 4 करोड़ 11 लाख 13 हजार 554 रुपए यानी आय से 232 प्रतिशत अधिक संपत्ति अवैध तरीके से कमाई है जिसे राजसाज किया गया है।

विशेष न्यायालय इंदौर के आदेश पर डॉ. विनोद लाहिरी के मकान को सील करने की कार्यवाही की गई है। मकान के सील रहने के दौरान सुरक्षा की जिम्मेदारी कोटवारों को सौंपी गई है जो प्रतिदिन रिपोर्ट बनाकर प्रस्तुत करेंगे।

– रेखा सचदेव, तहसीलदार, नागदा

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