महाकाल मंदिर से फिर पकड़ाया दर्शन वसूली रैकेट

बाहरी दर्शनार्थियों से भस्मारती और गर्भगृह दर्शन के लिए 21 हजार रुपए, देर रात मंदिर समिति ने कार्रवाई के महाकाल थाने को भेजी शिकायत

उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर दर्शन की आड़ में वसूली करने वाला एक और रैकेट सामने आया है। बाहरी दर्शनार्थियों से भस्मारती और गर्भगृह से जलाभिषेक दर्शन के हजारों रुपए लेने के मामले में मंदिर समिति ने गुरुवार रात को चार लोगों के खिलाफ महाकाल थाने में शिकायत भेजी है ताकि आगामी कार्रवाई की जा सके।

श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति प्रशासक ने बताया कि गुरुवार दोपहर को उन्हें बाहर से आए कुछ दर्शनार्थियों ने रुपए लेकर भस्मारती और गर्भगृह से जलाभिषेक दर्शन के रुपए लेने की शिकायत की थी। दर्शनार्थियों का कहना था कि उन्होंने छह लोगों के 21 हजार रुपए दिये हैं। मंदिर समिति ने जांच की तो पता चला कि इन्होंने यश शर्मा और घनश्याम शर्मा (मंदिर से संबंद्ध नहीं, बाहरी पुजारी) को रुपए देकर अनुमति बनवाई थी। समिति ने तुरंत यश और घनश्याम को बुलाकर पूछताछ की तो इन्होंने बताया कि भस्मारती की अनुमति और गर्भगृह में दर्शन का प्वाइंट इन्होंने भावेश जोशी और सोनू पारिख की मदद से बनवाये थे।

समिति ने जब इन दोनों से संपर्क करने का प्रयास किया तो इनके फोन बंद मिले। प्रशासक श्री सोनी ने बताया कि बाद भी सभी दर्शनार्थियों को गर्भगृह से दर्शन कराकर संतुष्ट किया और चारों आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए महाकाल पुलिस को आवेदन भेजा है।

अचानक गर्भगृह में प्रवेश बंद किया तो खुला मामला

सूत्रों के मुताबिक बाहर से आये सभी दर्शनार्थी सुबह भस्मारती मेें तो दर्शन कर चुके थे, लेकिन सुबह जब उन्होंने गर्भगृह में जाकर दर्शन करने का प्रयास किया तो मामला खुल गया। दरअसल चांदी के रुद्रयंत्र की सफाई के कारण गुरुवार को गर्भगृह में अचानक प्रवेश बंद किया गया था। सुबह 9 बजे बाद गर्भगृह दर्शन की रसीद भी बंद कर दी गई थी।

गर्भगृह में दर्शन नहीं मिलने के कारण रुपए देकर दर्शन के लिए आये दर्शनार्थी भडक़ गये। वे चिल्ला-चिल्ला कर रुपए देकर अनुमति लेने की बात कहने लगे। जब इस बात की जानकारी मंदिर समिति से जुड़े लोगों को लगी तो उन्होंने तुरंत मंदिर के वरिष्ठ अधिकारियों को मामले से अवगत कराया। जांच हुई तो पूरे मामले की कड़ी जुड़ती गई और दो लोग मंदिर समिति के हत्थे भी चढ़ गए।

जनप्रतिनिधियों के जरिए जारी हुई थी प्रोटोकाल अनुमति

सूत्रों के मुताबिक यश शर्मा और घनश्याम शर्मा ने भस्मारती अनुमति और गर्भगृह से दर्शन का प्रोटोकाल प्वाइंट जारी करवानेे वालों में भावेश जोशी और सोनू पारिख का नाम लिया है। इसके बाद जब मंदिर समिति के पदाधिकारियों ने इनके नंबर पर कॉल किया तो इन्होंने फोन बंद कर लिये। माना जा रहा है कि संभवत: इन्हेें कार्रवाई की जानकारी हो गई थी।

सूत्रों का कहना है कि इन दोनों का संबंध जनप्रतिनिधियों से है। एक तो विपक्षी पार्टी के विधायक के कार्यालय से जुड़े हैं तो दूसरी सत्ता पक्ष के प्रथम माननीय के कार्यालय से जुड़े हैं। प्रशासक श्री सोनी का कहना है कि जो भी दर्शनार्थियों से रुपए लेकर श्री महाकालेश्वर मंदिर का नाम बदनाम करेगा, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी।

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