चुनाव मोड में आने से पहले विवाद: कांग्रेस ने निर्वाचन सुपरवाइजर पर भाजपा एजेंट होने का आरोप लगाया, कलेक्टर के पास पहुंचा मामला

जिले की सात विधानसभा में मतदाताओं को जागरुक करने के लिए व्हीव्हीपेट और ईव्हीएम का प्रदर्शन किया जाएगा

उज्जैन, अग्निपथ (राजेश रावत)। विधानसभा चुनाव की तैयारी तेज होने के साथ ही विवादों का दौर शुरू हो गया है। कांग्रेस ने इवीएम प्रशिक्षण के दौरान इलेक्शन सुपरवाइजर पर भाजपा का एजेंड होने का आरोप लगाते हुए तत्काल पद से हटाने और नए को नियुक्त करने की मांग करते हुए चुनाव आयोग को पत्र लिखा है। वहीं मामले में अपर कलेक्टर का कहना है कि शिकायत मिल गई है। कलेक्टर के पास भेजा जा रहा है। वे ही अंतिम फैसला लेंगे।

शनिवार को ईव्हीएम और व्हीव्हीपेट का वितरण और प्रशिक्षण का आयोजन इंजीनियरिंग कालेज में किया गया। इस दौरान कांग्रेस प्रतिनिधि हेमंत जौहरी और इलेक्शन सुपरवाइजर रमेशचंद्र राय के बीच विवाद हो गया। इसके बाद जौहरी ने राय पर भाजपा का एजेंट होने का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग भोपाल को पत्र लिखा है। इसमें इन्होंने जिला पंचायत में पदस्थ राय को तत्काल पद से हटाकर नए सुपरवाइजर की नियुक्ति किए जाने की मांग की है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि राय के पद पर रहने से चुनाव प्रभावित हो सकता है।

चार पार्टियों के प्रतिनिधियों को बुलाया था

उज्जैन के निर्वाचन कार्यालय ने चार पार्टियों भाजपा, कांग्रेस, बसपा और सीपीआईएम के प्रतिनिधियों को बुलाया था। इलेक्शन ड्यूटी में तैनात हेमंत अजमेरी के मुताबिक सीपीआईएम के प्रतिनिधि नासिर भाई का नंबर गलत होने की वजह से उनसे बात नहीं हो पाई। जबकि आप पार्टी के प्रतिनिधि लगातार बुलाए जाने के बाद भी मीटिंग में नहीं पहुंचे थे। नोडल अधिकारी के रूप में एसडीएम, तहसीलदार को नियुक्त किया गया है। व्हीव्हीपेट और ईव्हीएम का प्रशिक्षण इन्हें ही देना है।

1820 बीएलओ को नहीं मिला है मानदेय

करीब छह माह से बीएलओ को एक हजार रुपए प्रतिमाह के हिसाब से मानदेय दिया जाता है। परन्तु बीएलओ का कहना है कि करीब छह माह से मानदेय का भुगतान नहीं हो पाया है। सात विधानसभा में 1820 बीएलओ मतदाताओं का वेरीफिकेशन लगातार कर रहे हैं। अब उनके माध्यम से व्हीव्हीपेट और ईव्हीएम के इस्तेमाल की बारीकी से आम लोगों को अवगत कराया जाएगा। क्योंकि इस बार आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल इसमें किया गया है।

16 नोडल अधिकारी बनाए गए सात विधानसभा के लिए

उप निर्वाचन अधिकारी और अपर कलेक्टर एकता जायसवाल ने बताया कि जिले में सात विधानसभा के लिए 16 नोडल अधिकारी बनाए गए हैं। प्रत्येक विधानसभा के लिए 10-10 ईव्हीएम और व्हीव्हीपेट दिए गए हैं। उज्जैन उत्तर और उज्जैन दक्षिण के लिए 20-20 ईव्हीएम और व्हीव्हीपेट दिए गए हैं। क्योंकि इन दोनों विधानसभा में लोकसभा के लिए भी प्रशिक्षण दिया जाता है। दो अगस्त से पुनरीक्षण का काम शुरू हो जाएगा।

चुनाव के मोड में आ जाएं अफसर, परीक्षा के लिए तैयार रहें

कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने जिले के एसडीएम और अन्य अधिकारियों को मीटिंग में नसीहत दी कि वे चुनाव के मोड में आ जाएं। निर्वाचन से जुड़े निर्देशों को गंभीरता से पढ़े और उन पर अमल करें। उन्होंने एसडीएम और तहसीलदार की निर्वाचन के संबंध में परीक्षा आयोजित करने के निर्देश भी दिए।

प्रभारी इलेक्शन सुपरवाइजर बना रखा है प्रशासन ने राय को

बताया जाता है कि चुनाव आयोग ने महेंद्र सक्सेना का इलेक्शन सुपरवाइजर बनाया था। तीन नाम के पैनल से इनका चयन किया गया था। परन्तु चुनाव से ऐन पूर्व 2018 में उज्जैन के तत्कालीन कलेक्टर ने रमेशचंद्र राय को प्रभारी इलेक्शन सुपरवाइजर बना दिया। राय जिला पंचायत के कर्मचारी हैं और सक्सेना शिक्षा विभाग के कर्मचारी हैं। करीब एक सप्ताह पूर्व राय को लेकर चुनाव आयोग भी आपत्ति ले चुका है। क्योंकि आयोग की वेबसाइट पर इलेक्शन सुपरवाइजर के रूप में महेंद्र सक्सेना का नाम दिख रहा है। जबकि प्रशासन ने राय को प्रभारी के रूप में तैनात कर रखा है।

कांग्रेस प्रतिनिधि ने रमेशचंद्र राय के विषय में आपत्ति लेते हुए पत्र दिया है। पत्र के साथ कोई साक्ष्य नहीं लगाए हैं कि वे किस तरह से भाजपा के एजेंट के रूप में काम कर रहे थे। मामले को कलेक्टर के पास भेजा जा रहा है। वे अंतिम फैसला लेंगे। वैसे भी राय दो महीने पहले इस काम से हटाने के लिए पत्र लिख चुके हैं।

– एकता जायसवाल, उप निर्वाचन अधिकारी, अपर कलेक्टर उज्जैन

स्थानीय चुनाव के दौरान भी रमेशचंद्र राय कांग्रेस के प्रतिनिधियों से विवाद कर चुके हैं। अब विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू होते ही विवाद करने लगे हैं। वे इलेक्शन सुपरवाइजर नहीं है। इन्हें तत्काल हटाया जाना चाहिए ताकि निष्पक्ष चुनाव कराए जा सकें। आयोग के मुताबिक इलेक्शन सुपरवाइजर महेंद्र सक्सेना है।

-हेमंत जौहरी, कांग्रेस चुनाव प्रतिनिधि उज्जैन

मुझे इस विवाद के संबंध में कुछ नहीं कहना है। मेरी अधिकारी अपर कलेक्टर हैं। वे ही इस विषय में कुछ कह सकेंगी।

-रमेशचंद्र राय, इलेक्शन सुपरवाइजर

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