नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के खिलाफ में दिल्ली की सीमाओं पर लगातार 56वें दिन भी किसानों का हल्लाबोल जारी है। आज किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच दिल्ली के विज्ञान भवन में 10वें दौर की वार्ता होने जा रही है। शुक्रवार को हुई नौवें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही थी। बैठक के दौरान किसान नेता इन तीनों कानूनों को रद्द करने और एमएसपी पर कानून बनाने की मांग को लेकर टस से मस नहीं हुए थे।
गाजीपुर बॉर्डर : भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर एक कानून बनाना होगा और तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करना होगा। हमारा विरोध सरकार और कॉर्पोरेट सिस्टम के खिलाफ है।
सिंघु बॉर्डर : किसानों और सरकार के बीच आज होने वाली वार्ता को लेकर सिंघु बॉर्डर पर डटे एक किसान नेता ने कहा कि आज की बैठक भी पहले जैसे ही होगी। बैठक से हमें कोई उम्मीद नहीं। जब भी बैठक होती है हम इसलिए जाते हैं कि सरकार हमारे साथ बैठक कर इसका हल निकाले, लेकिन हल निकालने का सरकार का अभी भी मन नहीं बना है।
ज्ञात हो कि केन्द्र सरकार सितम्बर में पारित किए तीन नए कृषि कानूनों को कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश कर रही है, वहीं प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आशंका जताई है कि नए कानूनों से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और वे बड़े कॉरपोरेट पर निर्भर हो जाएंगे।