आज जटाशंकर स्वरूप दर्शन देंगे सवारी में

भगवान श्री महाकालेश्वर की सप्तम सवारी की तैयारी पूरी, नए स्वरूप के लिए नया रथ तैयार

उज्जैन, अग्निपथ। आज सोमवार को भगवान महाकालेश्वर की सातवीं सवारी निकलेगी। सावन अधिकमास के कारण इस बार तीन सवारियां अधिक निकलेगी। इन सवारियों के लिए चयनित भगवान महाकाल के नए मुखौटे जटाशंकर स्वरूप को आज सातवीं सवारी में शामिल किया जायेगा। नए मुखौटे के लिए नया रथ भी तैयार किया गया है।

श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक संदीप कुमार सोनी ने बताया कि श्री महाकालेश्वर भगवान की सप्तम सवारी 21 अगस्त को निकलेगी। इस दौरान पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव, नन्दी रथ पर उमा-महेश और डोल रथ पर होल्कर स्टेट के मुखारविंद, श्री घटाटोप मुखोटा व श्री जटाशंकर मुखारविंद सम्मिलित रहेगा।

श्री महाकालेश्वर भगवान की सवारी निकलने के पूर्व श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर का विधिवत पूजन-अर्चन होगा। उसके पश्चात भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा पालकी में विराजित भगवान को सलामी दी जावेगी।

उसके बाद सवारी परंपरागत मार्ग महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाडी से होती हुई रामघाट पहुंचेगी। जहॉ क्षिप्रा नदी के जल से भगवान का अभिषेक और पूजन-अर्चन किया जावेगा। इसके बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार से होती हुई पुन: श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी।

भजन मंडलियों को निर्देश

प्रशासन ने सभी भजन मंडलियों के प्रमुख अपनी भजन मंडलियों में निर्धारित संख्या में रहने, ड्रेसकोड का पालन करने व मंदिर प्रबंध समिति द्वारा जारी किये गये अनुमति पत्र अनिवार्य रूप से धारण करने हेतु निर्देशित किया है। साथ ही सवारी में झांकी, शोभारथ, डी.जे., मुखौटे, ठेले, फोटो, भजन मंडली के नाम व भगवान के बैनर के अतिरिक्त अन्य किसी व्यक्ति विशेष का प्रचार-प्रसार संबंधित बैनर, होर्डिंग आदि नहीं लगाने के निर्देश जारी किये हैं।

आमजन से प्रशासन की अपील

सवारी के दौरान श्रद्धालुओं से अपील की जाती है कि, कृपया सवारी मार्ग में सडक की ओर व्यापारीगण भट्टी चालू न रखें और न ही तेल का कढाव रखें। दर्शना?र्थी सवारी में उल्टी दिशा में न चलें और सवारी निकलने तक अपने स्थान पर खडे रहें। दर्शनार्थी कृपया गलियों में वाहन न रखें। श्रद्धालु सवारी के दौरान सिक्के , नारियल, केले, फल आदि न फैंकें। सवारी के बीच में प्रसाद और चित्र वितरण न करें। इसके अलावा पालकी के आसपास अनावश्यक संख्या में लोग न रहें।

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