कृषि उपज मंडी में निर्माण की धीमी रफ्तार, लोगों की परेशानी का सबब

नीलामी के एक साल बाद भी दुकानें नहीं हो पाईं तैयार

बदनावर, (अल्ताफ मंसूरी) अग्निपथ। यहां कृषि उपज मंडी में किए जा रहे निर्माण कार्य की धीमी रफ्तार किसानों, व्यापारियों व अन्य लोगों के परेशानी का सबब बन गई है। मंडी गेट के साथ ही यहां बनने वाली दुकानें भी सालभर बाद भी तैयार नहीं हो पाई हैं।

मंडी के प्रवेश द्वार पर दो गेट का निर्माण किए जाने की मंजूरी हो चुकी है। हालात यह हैं कि राशि आवंटन होने के साथ ठेकेदार को वर्क ऑर्डर भी हो गया लेकिन एक गेट नौ माह बाद भी अधूरा पड़ा है तो दूसरे का काम तक शुरू नहीं हो पाया। वहीं दूसरी और लोगों ने अपने व्यापार व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए मंडी द्वारा की गई नीलामी में दुकानें बोली लगाकर खरीदी थी। लेकिन एक वर्ष में भी दुकानें बनकर तैयार नही हो पाई। जबकि 25 प्रतिशत राशि करीब एक करोड़ अनुबंध के मुताबिक मंडी प्रशासन द्वारा नीलामी के कुछ ही दिनों बाद सभी लोगों से जमा करवाई जा चुकी थी। अधूरे कामों को समय सीमा में पूरा करने के प्रति मंडी प्रशासन अब भी गंभीर नही दिखाई दे रहा है।

इंदौर संभाग में आय के मामले में अपना विशिष्ट स्थान रखने वाली बदनावर की कृषि उपज मंडी ए ग्रेड की श्रेणी में आती है। तौल, मोल, बोल एवं नगदी लेनदेन के चलते यहां आसपास के चार जिलों से करीब 70-80 किमी दूरस्थ स्थानों से किसान सोयाबीन, प्याज, लहसुन, मटर लेकर बिक्री करने के लिए आते है। सीजन में सोयाबीन एक दिन में करीब 18 हजार क्विंटल का आंकड़ा छू लेती है तो प्याज 30 हजार कटटे और मटर तो 50 से 60 हजार कटटें की आवक एक-एक दिन में हो जाती है।

यहां अनाज मंडी व कपास (सब्जी मंडी) में गेट निर्माण के लिए करीब 34 लाख हजार रूपए स्वीकृत हुए थे। मार्च 2023 में इसके कार्यादेश जारी हो चुके थे तथा वर्षाकाल समेत छह माह में इनको पूरा करने की समय सीमा निर्धारित अनुबंध के अनुसार तय की गई थी। इंदौर के एसवी चौधरी ठेकेदार ने निर्माण का अनुबंध किया था। इसके उपरांत सब्जी मंडी के प्रवेश द्वार पर गेट का निर्माण शुरू किया गया। कई मर्तबा काम के दौरान एक गेट को बंद को दूसरे से आवाजाही की गई।

इससे किसानों को अपने उपज भरे वाहन अंदर ले जाने में भी परेशानी हुई। किंतु इसके बावजूद भी काम की गति इतनी धीमी रही है कि छ माह का निर्धारित समय पूरा होने के बाद तीन माह और बीत गए। लेकिन अब भी गेट अधूरा ही पड़ा है निर्माण की गुणवत्ता को लेकर जनप्रतिनिधियों ने सवाल उठाए थे जिसे नजरअंदाज कर दिया गया। जबकि अनाज मंडी में बनने वाले दूसरे गेट के निर्माण कार्य की तो शुरूआत तक नही की गई। लोगों का मानना है कि काम की गति यदि इसी प्रकार की रही तो दोनों गेट के निर्माण में करीब एक वर्ष का समय और लग सकता है।

अमानत राशि जमा करने के बावजूद दुकानें नहीं मिली

दूसरी और यहां अनाज मंडी परिसर में स्व वित्तीय योजना के तहत मंडी प्रशासन द्वारा 20 दुकानों का निर्माण करवाया जा रहा है। इसके लिए बकायदा गत दिसबंर 2022 में दुकानों की बिक्री के लिए ओपन में नीलामी करवाई गई। लोगों ने व्यापार व्यवसाय की संभावनाओं को देखते हुए इसमें बढ़ चढक़र हिस्सा लिया और अधिकतम बोलियां लगाकर दुकानें खरीदी।

नीलामी के कुछ समय बाद ही 25 प्रश राशि जो करीब एक करोड़ होती है सभी से जमा करवाई गई। इसके छ माह बाद जून माह में ठेकेदार को वर्क आर्डर जारी किया गया। लेकिन अभी तक 20 में से करीब पांच दुकानों की छत भरी गई है। शेष दुकानें कब बनकर तैयार होगी और कब नीलामी में खरीदने वाले को दी जाएगी इसके बार में भी स्थिती स्पष्ट नही है।

आठ दिन में गेट तैयार करने का दावा

कृषि उपज मंडी के इंजीनियर सुरेंद्रकुमार सोनी का कहना है कि मंगलवार से ठेकेदार ने गेट निर्माण की काम की शुरूआत दोबारा से की है जो आठ दिन में बनकर तैयार हो जाएगा। इसके बाद दूसरे गेट के निर्माण की शुरूआत की जाएगी। वहीं दुकानों की बात करें तो ठेकेदार को एक साल में सभी दुकानें तैयार करने का समय दिया गया था। इसके लिए जून में वर्क आर्डर जारी किया गया था। छ माह बीत चुके है आने वाले छ माह में सभी दुकानें बनकर तैयार हो जाएगी।

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