कांग्रेस पदाधिकारियों ने आमंत्रित तो कर दिया लेकिन ध्वजारोहण नहीं किया

सुसनेर, अग्निपथ। राष्ट्रीय पर्व को कांग्रेस नेताओं के लिए कितना मायने रखता है यह बात शुक्रवार को गणतंत्र दिवस के अवसर पर देखने को मिली। कांग्रेस नेताओं ने ब्लॉक शहर कांग्रेस कमेटी के तत्वावधान में गणतंत्र दिवस पर सुसनेर के मोड़ी चौराहा स्थित कांग्रेस के विधानसभा क्षेत्र स्तरीय कार्यालय पर ध्वजारोहण किया जाना तय किया। इसके लिए कांग्रेस पदाधिकारियों ने आमंत्रण पत्र छपवाकर नागरिकों व कार्यकर्ताओं में वितरित भी किए गए लेकिन ध्वजारोहण नहीं किया गया।

आमंत्रण पत्र में ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष सरदारसिंह सारखा व शहर अध्यक्ष आशीष त्यागी ने सबको आमंत्रण पत्र के माध्यम से आमंत्रित किया। लेकिन आमंत्रित करके ध्वजारोहण नहीं करना स्थानीय कांग्रेस नेताओं में राष्ट्रीय पर्व के क्या मायने व राष्ट्र के प्रति कितना सम्मान है इसको दर्शाता है। आपको बता दे कि विधानसभा चुनाव कांग्रेस में जीतने के साथ ही यह पहली बार कांग्रेस कार्यालय पर ध्वजारोहण का कार्यक्रम रखा गया था।

जिसमे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बाबूलाल बंसिया के द्वारा ध्वजारोहण किया जाना था। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि नवनिर्वाचित विधायक भैरोसिंह परिहार बापू तथा विशेष अतिथि के तौर पर पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष शरावती बोड़ाना, पूर्व जिला पंचायत सदस्य अर्जुनसिंह गोपालपुरा, वरिष्ठ कांग्रेस नेता फक़ीर मोहम्मद खान, विष्णु पाटीदार, पूर्व प्रदेश कांग्रेस कमेटी सदस्य विजय सिंह पांडे, सेवादल प्रदेश संगठन मंत्री रमेश विश्वकर्मा, पूर्व कृषि उपज मंडी अध्यक्ष प्रतिनिधि नाथूलाल वर्मा, पूर्व नगर पंचायत उपाध्यक्ष राणा चितरंजन सिंह व अनिल जैन मामा की उपस्थिति में ध्वजारोहण किया जाना तय हुआ।

इसके आमंत्रण का नगर में वितरण भी हुआ लेकिन ध्वजारोहण नहीं किया गया। कार्यालय कर्मचारियों का भी कहना है कि ध्वजारोहण कार्यक्रम के लिए कार्यकर्ताओं का आना जाना हुआ उनके द्वारा पूछा भी गया लेकिन यहाँ ऐसा कोई कार्यक्रम नहीं हुआ। अब कार्यक्रम होना था या नहीं और होना था तो क्यों नहीं हुआ इसकी कोई जानकारी हमें नहीं है।

ऐसी क्या वजह रही जो सबके नगर में मौजूद रहने के बाद भी आयोजन स्थल पर न पहुँच कर कार्यक्रम को अघोषित रूप से निरस्त कर दिया गया। ऐसे में यह कांग्रेस के आम कार्यकर्ताओं के साथ किसी मजाक से कम नहीं है। बता दें कि भेरूसिंह परिहार क्षेत्र में पिछले चुनाव से काफी सक्रिय है इस बार वे विधायक भी चुने गए है। विधायक बनने के दो माह हो चुके है। विधायक की संगठन के प्रति सक्रियता कम होने से संगठन में भी निष्क्रियता छाई हुई है।

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