पिता ने 18 दिन की बच्ची को झाडिय़ों में फेंका

इंदौर में दूसरी बेटी होने पर परिवार वाले देते थे ताना

इंदौर, अग्निपथ। इंदौर में 18 दिन की नवजात बेटी को पिता झोले में भरकर झाडिय़ों में फेंक आया। मां को बेटी जब घर में नहीं दिखी तो पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने खोजबीन कर उसे सांवेर रोड पर निर्माणाधीन जेल परिसर के पास झाडिय़ों से बरामद किया। बच्ची की हालत ठीक है। पुलिस ने बच्ची को मां के हवाले कर दिया है।

मामला हीरा नगर थाना क्षेत्र के गौरी नगर का है। गुरुवार को 18 दिन की बच्ची माही के घर से गायब होने की सूचना मां और परिवार ने पुलिस को दी। तब पिता घर पर नहीं थे। पूछताछ में उसने सब सच बता दिया।

पत्नी का कॉल नहीं उठाया तो शक गहराया

पुलिस के मुताबिक बच्ची का पिता रोहित यादव, मांगलिया की एक कंपनी में कम्प्यूटर ऑपरेटर है। वह दूसरी बेटी के जन्म के बाद से ही काम पर नहीं जा रहा था। परिवार के लोग दूसरी बेटी होने पर उसे ताना मारते थे। पति गुरुवार सुबह करीब 11 बजे झोला में बच्ची को लेकर चला गया। पत्नी को भी उसने कुछ नहीं बताया था। कुछ देर बाद जब पत्नी कमरे में आई तो उसे बेटी नहीं दिखाई दी। वह घबरा गई और सबसे पहला कॉल पति को किया। लेकिन उसने कॉल नहीं उठाया।
सूचना पर पुलिस घर आई और मौका मुआयना कर घर के सदस्यों के बारे में पूछताछ की। इस दौरान पुलिस को दो बातें पता लगी। पहली यह कि बच्ची का पिता कुछ देर पहले ही झोला लेकर घर से अकेला बिना बताए गया था। दूसरी यह कि जब बच्ची गुम हुई और पत्नी ने उसे कॉल किया तो उसने एक बार भी कॉल रिसीव नहीं किया।

हाथ में रखे झोले से मिला पुलिस को क्लू

शक गहराने पर पुलिस ने बच्ची के पिता से ही सवाल-जवाब शुरू किए। वह पहले तो बातें घुमाता रहा कि मुझे ही नहीं पता, मैं तो काम पर गया था। हमारे मोहल्ले के कुत्ते खुंखार हैं, वो भी बच्चों को उठा ले जाते हैं। पुलिस को उसकी कहानी गले नहीं उतरी।

पिता के हाथ में झोला देख पुलिस ने उसे पूछा कि इसके अंदर क्या है। उसने बताया कि सामान के लिए ले गया था। पुलिस ने झोला खंगाला तो उसके अंदर बच्ची का स्टॉल निकला। पुलिस ने पूछा कि यह कहां से आया तो वह बोला कि ये तो चार-पांच दिन से झोले में ही पड़ा है। इस पर बच्ची की मां बोली कि यह चार-पांच दिन पुराना नहीं, आज का ही है।

आरोपी ने कहा- परिवार वाले देते थे ताने

पुलिस ने बच्ची के पिता से सख्ती से पूछताछ की तो वह टूट गया। उसने कबूला कि दूसरी भी बेटी होने के कारण परिवार वाले ताने देते थे। इससे मैं दुखी था और काम पर भी नहीं जा पा रहा था। आखिरकार आज जब बात ज्यादा बढ़ गई तो मैं बच्ची को झोले में रख कर नई बन रही जेल के पास झाडिय़ों में फेंक आया हूं। मेरी इससे पहले डेढ़ साल की एक और बेटी है।

डिलीवरी के लिए मायके में रह रही थी मां

18 दिन की बच्ची माही की मां अनिता डिलीवरी के लिए हीरा नगर स्थित मायके आई हुई थी। इस बीच अनिता के पिता को हार्ट अटैक आ गया। वे अभी गोकुलदास अस्पताल में भर्ती हैं। पुलिस ने बताया कि माही का पिता रोहित मदद के लिए कुछ दिनों से रोजाना हीरा नगर आ रहा था। इस बीच मौका पाकर रोहित बच्ची को झोले में डालकर ले गया और सांवेर रोड स्थित निर्माणाधीन जेल के यहां छोड़ आया।

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