किसान आंदोलन: मध्यप्रदेश में भी आंदोलन को समर्थन सड़कों पर उतरे किसान

उज्जैन। कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों ने शनिवार को मध्य प्रदेश में चक्काजाम शुरू कर दिया। इंदौर, जबलपुर, उज्जैन में आंदोलन की औपचारिकता निभाई गई। वहीं, भोपाल में आंदोलन नहीं हो रहा है।

उज्जैन में दो स्थानों पर किसानों ने चक्का जाम किया हालांकि यह ज्यादा देर नहीं चला। इस दौरान किसानों ने सड़क पर ही चूल्हा जलाकर खाना पकाया।

इंदौर में आंदोलन तो हुआ, लेकिन किसानों की संख्या इतनी नहीं थी कि वे हाईवे को जाम कर सके। 15 से 20 किसान यहां पहुंचे और ज्ञापन सौंपकर किनारे हो गए। किसानों ने यहां महज औपचारिकता निभाई। सागर में कांग्रेस आंदोलन करने वाली थी लेकिन नहीं हो सका। आंदोलन समाप्त कर दिया गया।

हालांकि जाम के दौरान एंबुलेंस और स्कूल बस जैसी जरूरी सेवाओं को छूट दी गई है। चक्काजाम आंदोलन कर रहे 40 किसान संगठनों द्वारा बनाए गए संयुक्त किसान मोर्चा ने ये चक्काजाम लगाया है। किसान संगठनों को कांग्रेस ने भी कई जगह समर्थन दिया है और आंदोलन में शामिल हुए हैं।

आगर रोड और चंदेसरा गांव के पास डेढ़ घंटे चक्का जाम

यहां लगभग डेढ़ घंटे बाद चक्काजाम समाप्त कर दिया गया। उज्जैन में प्रदर्शन के दौरान महंगाई का भी मुद्दा उठा। कांग्रेस पार्षद माया राजेश त्रिवेदी ने कहा गैस सिलेंडर के दाम रोज बढ़ रहे हैं। घर का चूल्हा जलना मुश्किल हो गया है इसलिए सड़क पर चूल्हा जला कर रोटियां सेंकी गईं। इसके बाद चक्काजाम आंदोलन समाप्त कर दिया गया।

इससे पहले पुलिस ने प्रदर्शन को देखते हुए यातायात मार्ग परिवर्तित किए गए थे।कांग्रेस अध्यक्ष महेश सोनी ने बताया आगर रोड स्थित सोया चौपाल के पास और देवास रोड पर चंदेसरा गांव के पास सड़क जाम की गई है। एसपी सत्येंद्र शुक्ला ने बताया कि प्रदर्शन को देखते हुए यातायात को डायवर्ट कर दिया गया है। आगर की ओर से आने वाले वाहनों को ढाबला रहवारी और MR-5 की तरफ डायवर्ट कर दिया गया है। प्रदर्शन में विधायक रामलाल मालवीय, जिला अध्यक्ष महेश सोनी, ग्रामीण अध्यक्ष कमल पटेल, बटुक शंकर जोशी समेत कई बड़े नेता मौजूद रहे।

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