नगर निगम की सफाई व्यवस्था ऐसी: गयाकोठा तीर्थ के मोक्षदायक कुंड की नहीं की जा रही सफाई

भयंकर गंदगी फैली, पानी सड़ रहा, चतुर्दशी पर तर्पण करने आये श्रद्धालुओं में आक्रोश

उज्जैन, अग्निपथ। मंगलवार को वैशाख मास की चतुर्दशी और अमावस्या दोनों थी। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने खाकचौक चौराहा स्थित गयाकोठा तीर्थ पर आकर अपने पितरों के निमित्त दूग्ध और जल तर्पण किया। इसका जिक्र न सिर्फ इतिहास में बल्कि हिंदू पुराणों में भी मिलता है। लेकिन मंदिर के पास स्थित तर्पण कुंड की हालत देखकर यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं में आक्रोश पनपा हुआ है।

खाक चौक चौराहे के पास स्थित गया कोठा पित्र तर्पण के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक स्थानों में से एक है। श्राद्ध पक्ष के समय यहां पूरे देश के लोग तर्पण पिंडदान करने आते हैं। इसी धार्मिक महत्व को देखते हुए वर्ष 2018 में सरकार के धर्मस्व विभाग उन्हें 10 करोड़ 63 लाख रुपए की मंजूरी दी थी, जिसमें से 4 करोड़ रुपए का बजट ही हाऊसिंग बोर्ड को मिला है और चार करोड़ का काम हाउसिंग बोर्ड द्वारा करवा लिया गया है। गया कोठा के आसपास पत्थरों की बाउंड्री वाल और सभा भवन बनाया गया है।

मोक्षदायक कुंड और आसपास के सुंदरीकरण का काम भी पूरा हो चुका है। लेकिन इस कुंड के अंदर काई जम चुकी है। आसपास की बाउंड्री पर फूलों का निर्माल्य जमार हो गया है। रात्रि में यहां पर आकर शराबखोरी की जाती है और खाली बोतल को कुंड में डाल दिया जाता है।

नगरनिगम की अनदेखी से गंदगी

नगरनिगम का काम धार्मिक क्षेत्रों की साफसफाई का भी है। लेकिन यहां पर केवल बाहर की सडक़ पर ही झाड़ू बुहारी कर अपने कर्तव्य से सफाई मित्रों द्वारा इतिश्री कर ली जाती है। जबकि मंदिर के अंदर और इस कुंड की सफाई का काम भी इनके द्वारा किया जाना है, लेकिन ऐसा नहीं किया जाता। पितृपक्ष के दौरान ही नगरनिगम की अमला अलर्ट होता है और यहां की साफसफाई की जाती है। बाकी के शेष दिनों में यहां के सेवकों द्वारा मंदिर के अंदर की सफाई और अन्य व्यवस्थाएं की जाती हैं।

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