श्री महाराणा प्रताप जयंती पर क्षत्रिय महासभा ने पुष्पांजलि अर्पित की

उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाराणा प्रताप जयंती के मौके पर गुरुवार को अभा क्षत्रिय महासभा ने चामुंडा माता चौराहा स्थित महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया।

अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य एडवोकेट ठा, हरदयाल सिंह, शहर अध्यक्ष अभिषेकसिंह बैस, युवा विंग प्रदेश सचिव दर्शन ठाकुर, मलखान सिंह दीखित, अनिलसिंह राजपूत, लाखनसिंह असावत, भारतसिंह राठौड़, राजेशसिंह दीक्षित, रितिक सिंह, बबलू ठाकुर, कमलसिंह नरूका, विशालसिंह राजपूत, सुरेशसिंह कुशवाह, राजेंन्द्रसिंह सोलंकी, विवेकसिंह परिहार, भंवरसिंह बैस, आशीषसिंह तोमर, दिलीपसिंह चौहान, अर्जुनसिंह सिकरवार, आनंन्दसिंह सिकरवार, प्रवीणसिंह सिसोदिया, भागीरथसिंह गौड़, सर्वेशसिंह भदौरिया, रघुवीरसिंह बैस आदि ने माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की।

कार्यकम में वक्ताओं ने कहा कि सनातन धर्म के अनुरूप पिछले 29 वर्षों से महाराणा प्रताप की जन्म तिथि पर शौर्य यात्रा निकाली जाती रही है, इस वर्ष भी 9 जून 2024 रविवार की शाम 4 बजे से महाराणा प्रताप प्रतिमा स्थल चामुंण्डा माता चौराहा से शौर्य यात्रा निकाली जायेगी। वक्ताओं ने कहा कि श्री महाराणा प्रताप जी का जन्म 9 मई 1540 को कुंम्भलगढ़ में हुआ था, उन्होंने मुगलों की दासता कभी स्वीकार नहीं, ताउम्र मुगलों से युद्ध किया।

युद्धभूमि में श्री महाराणा प्रताप जी ने बहलोल खान के सिर पर तलवार से ऐसा एक वार किया, जिससे उसके और उसके घोड़े के दो टुकड़े हो गये । शौर्य की ऐसी बानगी, इतिहास में कहीं देखने को नहीं मिलती है। इसी घटना के बाद 36 हजार मुगल सैनिकों नें श्री महाराणा प्रताप जी के सामने समर्पण कर दिया। इस घटना के बाद 36 थानों, कई ठिकानों तथा कई दुर्गों पर श्री महाराणा प्रताप जी का कब्जा हो गया।

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