10 किलोमीटर दूर तक आसमान में दिखाई दिया धुंआ
धार, अग्निपथ। जिले की औद्योगिक नगरी पीथमपुर में मंगलवार सुबह एक पाइप की फैक्ट्री में आग लग गई। फैक्ट्री में बड़ी मात्रा में प्लास्टिक पाइप होने से आग तेजी से भडक़ी और कई घंटों की मशक्कत के बाद उस पर काबू पाया जा सका। आग इतनी भीषण थी कि 10 किलोमीटर दूर से भी धुआं आसमान में दिखाई दे रहा था।
फायर ब्रिगेड के सूत्रों के मुताबिक मंगलवार सुबह करीब 6.30 बजे पीथमपुर के सेक्टर नंबर 3 में स्थित सिग्नेट पाइप फैक्टरी में आग लग गई। सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची और आग बुझाने का प्रयास करती रही। पुलिस फायर ब्रिगेड सूत्रों ने बताया कि परिसर में बड़ी मात्र में पाइप खुले मैदान में रखे थे। आग बुझाने के बाद फिर से आग भडक़ रही है। आग बुझाने के लिए पानी की समस्या भी आई। मौके पर पीथमपुर, इंदौर, धार और बदनावर की करीब 10 दमकलें आग पर काबू पाने के लिए पहुंची।
एक भी कंपनी व फैक्ट्री नियम से नही हो रहा संचालन
जहां एक और प्रशासन नियमों की दुहाई देने की बात करता है ओर दूसरी ओर जमीनी स्तर पर पीथमपुर के साथ जिले की अधिकांश जगह में एक भी कंपनियां या फैक्ट्री में नियम से संचालित नहीं हो रही है वहीं बिना मापदण्ड के इन कम्पनियों में कार्य किया जा रहा है। जाँच के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है। अब तक कही एसडीएम व अन्य जिम्मेदार अधिकारी पीथमपुर में पदस्थ रहे मगर आज तक कोई जांच के लिए इन कम्पनियों व फैक्टी में नही गया।
वही पीथमपुर एशिया की सबसे बडी इंडस्ट्रीज क्षेत्र है। उसके बाद भी यहां जांच पर आज तक आंच नही आई कही बार बड़ी बड़ी घटनाएं हो गई उसके बाद भी सबक नही लिया। यहा अनुविभागीय कार्यालय होने के बाद भी फैक्ट्री व कम्पनियों की जांच के नाम पर बस खानापूर्ति की जाती है। वही जिम्मेदार अधिकारी चांदी काटने में लगे रहते है। व कार्रवाई करने में बचते है।
नियम के अनुसार कुछ नही था
खुद के लाभ के लिए दूसरों किं जिन्दगी खतरे में डालने का काम कम्पनी के मालिकों द्वारा व संचालकों द्वारा किया जा रहा है। पीथमपुर में जिस प्लास्टिक पाइप कारखाने में आग लगी वहां आग से सुरक्षा के पर्याप्त साधन नहीं थे और न ही पानी का कोई टैंक था। फायर नियमों के अनुसार किसी भी प्लास्टिक कारखाने में कम से कम 20 हजार लीटर पानी का टैंक होना अति आवश्यक है।
वही नियमों के अनुसार निर्माता कंपनी को पाइप खुले में रखने के लिए चारो ओर पक्का निर्माण जरूरी होता है मगर वह गर्मी के समय बहार रखे थे। मौक पर 10 से अधिक फायर गाडिय़ां आग बुझाने में थी। पर काबू पाने के लिए पानी फोम के साथ ही रेत का भी इस्तेमाल किया गया था। जिसके लिए तीन डंपर रेत मंगवाई गई है।
पास ही कैमिकल फैक्ट्री थी
जिस फैक्ट्री में आग की सूचना मिली इसे ही सीएमओ निशिकांत शुक्ला व सीएसपी अमित कुमार मिश्रा पहुँचे। मजदूरों की पहली शिफ्ट सुबह 8 बजे शुरू होती है, इसलिए घटना के वक्त फैक्ट्री में कोई नहीं था। सिग्नेट फैक्ट्री के पास ही एक केमिकल फैक्ट्री भी है, आग को बढ़ता देख यहां भी विशेष सतर्कता बरती गई। तीनों थाने का बल भी मौके पर पहुँचकर सुरक्षा के प्रयास किए व आग पर काबू पाया गया।