11 साल बाद 94 सोसायटियों में फिर से जनप्रतिनिधि बैठाने की तैयारी

धार, (आशीष यादव) अग्निपथ। किसानों को आर्थिक मदद करने वाली सहकारी संस्थाओं के चुनाव 11 साल बाद कराए जाने की तैयारी की जा रही है। जिले की 94 सहकारी समितियों के साथ ही बैंक प्रशासक के भरोसे चल रही हैं। कोर्ट की फटकार के बाद चुनाव होने वाले हैं।

जिले में सहकारिता विभाग की 94 समितियों के साथ ही सहकारी बैंक की 29 शाखा से लगभग डेढ़ लाख किसान जुड़े है। जिले में शासन के निर्देशन पर अंतिम बार वर्ष 2007 में चुनाव कराए गए थे। इसमें निर्वाचित पदाधिकारियों का कार्यकाल 2012 तक चला और इसके बाद चुनाव नहीं हुए। आलम यह है कि अब हर सहकारी समिति और बैंक में प्रशासक बैठे हुए है।

ऐसे में समितियों के साथ ही बैंक की हालत भी लगातार कमजोर होती जा रही है। इसका सीधा असर किसानों की मेहनत की कमाई से चलने वाली इन संस्थाओं पर पड़ रहा है। वही एक बार फिर सहकारी संस्थाओं में जनप्रतिनिधियों को बैठाने की तैयारी प्रदेश के साथ धार जिले में शुरू हो गई है।

2013 के बाद 11 साल के अंतराल में सहकारी संस्थाओं के चुनाव होने जा रहे हैं। जिले में 94 प्राथमिक कृषि साख संस्थाएं संचालित हैं। वर्तमान में कमान प्रशासन के हाथ में है लेकिन साल के अंत तक इनकी कमान अध्यक्ष व उपाध्यक्ष सहित 11 प्रतिनिधियों के हाथ में होगी। चुनाव की तैयारी को 4 चरणों में होना है। जिला स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है। मध्यप्रदेश राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी द्वारा मप्र के आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं मप्र भोपाल के नाम जारी पत्र में न्यायालयीन प्रकरणों का हवाला दिया थम एक बार फिर से छह माह बाद कार्यक्रम जारी किया है।

चुनाव के पहले सदस्यता सूची होगी तैयार

इसमें वे किसान, जिन्होंने समय पर अपना कर्ज नहीं चुकाया और डिफाल्टर की श्रेणी में हैं, भाग नहीं ले पाएंगे। सदस्य मतदान के माध्यम से संचालक चुनेंगे। इनमें से अध्यक्ष, उपाध्यक्ष का चुनाव होगा। साथ ही जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के लिए प्रतिनिधि भी चुने जाएंगे। इनमें से संचालक मंडल का चुनाव होगा, जिनमें से अध्यक्ष और उपाध्यक्ष बनेंगे।

इन्हीं में से अपेक्स बैंक के लिए प्रतिनिधि भेजे जाएंगे, जिनसे संचालक मंडल बनेगा। हर समिति में 11 डायरेक्टर बनेंगे। इसमें से 10-10 डायरेक्टर ड्यू किसानों में से बनेंगे और एक-एक डायरेक्टर अमानतदारों में से बनेंगे। अमानतदारों में वह किसान रहेंगे जिनका एक हजार रुपए लगातार 2 साल तक समिति में जमा रहे हों।

इस कारण टलते रहे चुनाव

विधानसभा चुनाव को देखते हुए 2013 में तत्कालीन शिवराज सरकार ने सहकारी संस्थाओं के चुनाव टाल दिया। इसके बाद सत्तारूढ़ हुई कमल नाथ सरकार ने किसान कर्ज माफी योजना और लोकसभा चुनाव के कारण इसे आगे बढ़ाया और जिला बैंकों में प्रशासक नियुक्त कर दिए। तब से ये चुनाव टलते आ रहे हैं। इस बीच मामला हाई कोर्ट में पहुंच गया। हाई कोर्ट ने चुनाव कराने के निर्देश दिए, जिस पर सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी ने कार्यक्रम भी जारी कर दिया लेकिन लोकसभा चुनाव के कारण ये फिर टल गए।

तैयारी जारी है

चुनाव को लेकर प्रोग्राम आ चुका है। आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं मप्र भोपाल मुख्यालय से निर्देश मिलना बाकी हैं। जैसे ही निर्देश मिलेंगे हम निर्वाचन कार्यक्रम जारी कर देंगे। हमे सूची भी ऊपर पहुँचा दी जो भी निर्देश आयेगा उसका पालन करवाएंगे।
– वर्षा श्रीवास, उपायुक्त सहकारिता, धार

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