क्रंदन, रूदन, चीत्कार के नकारात्मक माहौल के बीच सकारात्मक खबर

बेलारूस में नहीं कोरोना का डर

दुनिया में कोरोना संक्रमण से हुई मौतों के मामले में हमारा देश अमेरिका, ब्राजील के बाद तीसरे नंबर पर पहुँच गया है। जहाँ अमेरिका में संक्रमितों का आँकड़ा सवा 3 करोड़ को पार कर गया है और पौने छह लाख लोगों की मौत हो चुकी है वहीं ब्राजील में सवा करोड़ से ज्यादा लोग संक्रमित है और पौने चार लाख ब्राजीलवासियों की मृत्यु हो चुकी है।

संक्रमितों के मामले में भारत ने ब्राजील को पीछे छोड़ दिया है भारत में अब 1 करोड़ 53 लाख संक्रमित मरीज हैं और 1 लाख 80 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी है। भारत के अस्पताल और श्मशान, कब्रिस्तान जहाँ कुछ समय पूर्व तक शांति रहा करती थी आज क्रंदन, रूदन, चीत्कार से गूँज रहे हैं।

सभी ओर से आ रही नकारात्मक खबरों के बीच दुनिया के कुछ ऐसे भी देश हैं जहाँ कोरोना का वायरस इक्का-दुक्का को छोडक़र घुस भी नहीं पाया है। ऐसी ही कुछ सकारात्मक जानकारी आज आपसे शेयर करते हैं।

यूरोप का 95 लाख की आबादी वाला बेलारूस देश, किले, जंगलों से घिरे पार्को वाले बेलारूस देश के उत्तर-पूर्व में रूस, दक्षिण में यूक्रेन, पश्चिम में पौलेण्ड एवं उत्तर-पश्चिम में लिथुआनिया एवं लातविया देश है। बेलारूस में बेखौफ हो कर जिंदगी जी रहे लोग फुटबॉल चैम्पियनशिप का आंनद ले रहे हैं। सिनेमाघर, थियेटर चालू हैं, सार्वजनिक जगहों पर जाने में लोगों को कोई रोक-टोक नहीं है। कुछ समय पहले तक वहाँ मात्र 86 मामले संक्रमण के थे और केवल 2 ही मौतें हुई थी।

बेलारूस के राष्ट्रपति का अपने नागरिकों को संदेश है कि खूब मेहनत करो बिना किसी चिंता के, शराब का सेवन ना करने वाले राष्ट्रपति का कहना है कि कोरोना को भगाने के लिये यदि वोदका के 2 पैग भी मुझे लगाने पड़े तो मैं तैयार हूँ।

बेलारूस में वैसे तो किसी के भी आने पर पाबंदी नहीं है परंतु हर बाहर से आने वाले का कड़ाई से परीक्षण किया जाता है और यदि कोरोना के लक्षण पाये जाते हैं तो उसे 10-12 दिनों के लिये क्वारेंटाइन कर दिया जाता है। एक और सकारात्मक खबर इजरायल से है 98 लाख की आबादी वाले इस देश में 58 प्रतिशत इजरायलवासियों का टीकाकरण हो चुका है।

इजरायल में जहाँ फरवरी में संक्रमण दर 10 प्रतिशत थी वह अब घटकर 0.4 प्रतिशत हो गयी है। 20 अप्रैल से इजरायल में मास्क पहनने की अनिवार्यता समाप्त कर दी गयी है।

एक और खुशखबरी इटली से भी आ रही है वहाँ भी संक्रमण की साप्ताहिक दर में 2 प्रतिशत की कमी और मौतों के मामले में 14 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी है। इटली सरकार ने 26 अप्रैल से लॉकडाउन खोलने का निर्णय लिया है। आगामी मई माह से सिनेमाघर, थियेटर, स्विमिंगपुल, जीम सब खोल दिये जायेंगे। संक्रमण के मामले में दुनिया में 7वें नंबर पर रहने वाले इटलीवासी अब राहत की साँस ले रहे हैं।

मेरे ही देश का दुर्भाग्य है कि जहाँ इजरायल जैसे देश में 58 प्रतिशत टीकाकरण हो गया है वहाँ हमारे यहाँ अभी तक सिर्फ 1.2 प्रतिशत टीकाकरण ही हुआ है इससे भी बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि निर्धारित समय में उपयोग ना हो पाने के कारण 23 प्रतिशत वैक्सीन बर्बाद हो गयी है। सरकार ने आयु सीमा 18 वर्ष करने का जो निर्णय दो दिन पूर्व लिया है इस निर्णय को 20 दिन पूर्व लिया होता तो शायद देश इस स्थिति में नहीं होता और वैक्सीन के इतने डोज बर्बाद नहीं होते।

शायद कोरोना से निपटने की सही रणनीति और रोडमेप ना होने के कारण यह हो रहा है। सरकार को तत्काल चाहिये कि वह वैक्सीन को प्रत्येक भारतवासी के लिये अनिवार्य करने के लिये अध्यादेश लाये, कानून बनाये जो भी करना हो करे। यह सुनिश्चित होना चाहिये कि जो भारतीय टीकाकरण नहीं करवायेंगे उसे शासन से प्राप्त होने वाली समस्त सुविधाओं से वंचित कर दिया जायेगा, चाहे राशन हो या चिकित्सा सुविधा। जो टीकाकरण का प्रमाण पत्र लेकर आयेगा वही शासन द्वारा प्रदत्त सुविधाओं का हकदार होगा तभी विशालकाय जनसंख्या वाले मेरे भारत में कोरोना संक्रमण को रोका जा सकेगा अन्यथा लाशों का यूँ ही अंबार लगता रहेगा।

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