उज्जैनः कोरोना ने शहर की कई प्रमुख हस्तियों को छीना, सदमे का माहौल

कोचिंग संचालक, शिक्षक, एमआर, प्रापर्टी डीलर, व्यवसाई, ज्ञानपीठ के निदेशक, कुलसचिव, प्रेस क्लब अध्यक्ष के पिता की मौत से सहमा शहर

उज्जैन, अग्निपथ। कोरोना महामारी का दूसरा स्ट्रेन इतना खतरनाक साबित हो रहा है कि इसने असमय शहर के प्रतिष्ठित हस्तियों को काल कवलित कर दिया है। शुक्रवार को ही तीन हस्तियां मौत के आगोश में समा गईं। उचित उपचार मिलने के बाद भी इनकी जान नहीं बचाई जा सकी। ऐसे में इनकी मौत की खबर सोशल मीडिया पर चलने से शहरवासी सहम गए हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले दिनों ऑक्सफोर्ड जूनियर कॉलेज के केमिस्ट्री के प्रोफेसर और फ्रीगंज में जैन केमिस्ट्री के नाम से प्रसिद्ध कोचिंग इंस्टीट्यूट के संचालक राजेश जैन की दु:खद मृत्यु हो गई थी। राजेश जैन के बड़े भाई जो कि आगर में चिकित्सक थे। उनकी भी लगभग 15 दिन पहले कोरोना के संक्रमण से मौत हो गई थी। शिक्षा जगत की इस हस्ती के अलावा एक अन्य हस्ती शरद सोमानी की भी शुक्रवार को मौत हो गई। श्री सोमानी भौतिक शास्त्र के शिक्षक रह चुके हैं। कुछ ही दिन पहले उनके पिता का भी निधन हो गया था।

वहीं मेडिकल क्षेत्र के मिलनसार और मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव अपूर्व गौड़ की भी शुक्रवार को दु:खद मृत्यु हो गई। जिससे दवा व्यवसाई सकते में है। शहर के जाने-माने प्रॉपर्टी डीलर वासु भैया की भी इलाज के दौरान इंदौर में मृत्यु हो गई। शहर के एक अन्य प्रतिष्ठित व्यवसाई प्रकाश गुप्ता भी इस दुनिया सेे विदा हो गए। प्रकाश गुप्ता के भाई जो नानाखेड़ा बस स्टैंड के समीप स्थित होटल आनंद पैलेस के मालिक थे। उनकी भी 7 दिन पहले कोरोना के इलाज के चलते मौत हो गई थी। इनके अलावा नगर पालिक निगम के कर्मचारियों के नेता मुकेश बाली भी मौत के आगोश में जा चुके हैं। मुकेश बाली हमेशा कर्मचारियों की मांगों के समर्थन में आवाज उठाते रहे हैं।

शुक्रवार को ज्ञानपीठ निदेशक, कुलसचिव, शिक्षक भी नहीं रहे

इसके अलावा शुक्रवार को अन्य तीन प्रमुख हस्तियों ने भी कोरोना के चलते अपनी जान गंवा दी है। इनमें भारतीय ज्ञानपीठ शिक्षण संस्थान के निदेशक और रेडियो दस्तक के संजीव कुलश्रेष्ठ का भी निजी अस्पताल में उपचार के दौरान निधन हो गया। वह हमेशा दूसरों की सहायता में आगे रहते थे। इसी तरह प्रेस क्लब अध्यक्ष विशालसिंह हाड़ा के पिता राजेन्द्रसिंह हाड़ा जो कि सेवानिवृत्त शिक्षक थे, असमय काल के गाल में समां गए। वहीं विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव उदयनारायण शुक्ल को भी कोरोना ने असमय कालकवलित कर दिया। इन सभी की कोरोना से मौत के चलते शहरवासी सहमे हुए हैं।

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