उज्जैनः आंधी- तूफान के बाद भी रोशन रहे शहर के तीन कोविड अस्पताल

कंपनी ने बिजली जाने पर अल्टरनेट रूप से डीजी सेट की व्यवस्था कर रखी थी, शहर की कई कॉलोनियों में 20 मिनट से आधा घंटे तक बंद रही थी बिजली

उज्जैन, अग्निपथ। कोविड के दौरान मरीजों को सुविधाओं के अभाव में परेशान झेलनी पड़ रही है। यह खबरें रोज ही अखबारों की सुर्खियां बन रही है। परन्तु एक ऐसी भी खबर हैं। जिसे पढक़र आप सुखद अनुभव कर सकते हैं और जिला प्रशासन के अफसर इसे दूरअंदेशी का सटीक परिणाम कह सकते हैं।

जी हां, हम बात कर रहे हैं रविवार रात आए आंधी-तूफान की। इसने तमाम परेशानियां और दूश्वारियां खड़ी की। पर कोविड मरीजों के रोशन वार्डों की जगमगाती बत्तियों से मुंह चुराकर चला गया। क्योंकि यहां जिला प्रशासन और बिजली कंपनी के अफसर पहले से ही कमर कस चुके थे। उनकी तैयारियों ने रंग दिखाया और जहां डेढ़ दर्जन से ज्यादा कालोनियों में बिजली गुल थी। वहीं कोरोना वार्ड रोशन थे। इनमें चरक अस्पताल के वार्ड, चेरिटेबल के वार्ड और धन्वतरी आयुर्वेद अस्पताल के वार्ड शामिल हैं। यहां बिजली संकट से बचने के लिए विशेष रूप से डीजी सेट लगाए गए हैं।

रविवार रात में साढ़े 8 बजे के बीच हवा के साथ आंधी तूफान आया था। इस दौरान सिंचाई फीडर बंद थे, क्योंकि उन्हें सप्लाई नहीं दी जा रही थी। आंधी से इस वजह से ज्यादा सिंचाई फीडर को नुकसान नहीं हुआ उन्हें सोमवार दिन में ठीक कर दिया गया। उज्जैन सर्कल में पांच तहसीलों उज्जैन, तराना, घट्टिया, महिदपुर, बडऩगर आदि आते हैं। 11 केवी के 840 फीडर और 33 केवी के 126 फीडर आते हैं।

ढाबा रोड, रामघाट पर एक घंटे बंद रही बिजली

ताऊ ते तूफान की वजह से शहर में बारिश और बिजली की सप्लाई प्रभावित हुई। सबसे ज्यादा एक घंटे तक ढाबा रोड और रामघाट इलाके में बिजली व्यवस्था बाधित रही। इन इलाकों में पेड़ गिरने और बिजली की तार टूटने की वजह से बिजली चली गई थी। जानकारी मिलने के बाद बिजली कंपनी के कर्मचारी मौके पर पहुंचे और व्यवस्था को करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद बहाल किया। यह इलाका बल्लभनगर झोन के तहत आता है। यहां करीब 69549 उपभोक्ता हैं।

इनका कहना

कोविड को ध्यान में रखते हुए तीनों अस्पताल में 33 केवी लाइन की व्यवस्था की गई है। इस लाइन में ट्रिपिंग की समस्या नहीं आती है। इसके अलावा अल्टरनेट व्यवस्था के तहत 63केवी का डीजी सेट भी लगाया गया है। यह प्रशासन ने विशेष बजट से लगाया है। -राजीव कुमार पटेल, कार्यपालन यंत्री उज्जैन

54 फीडर में से 14 फीडर में 8 से 12 बजे के बीच आंधी-तूफान से बिजली सप्लाई बाधित हुई थी। परन्तु सभी फीडरों को 12 बजे तक नार्मल कर सप्लाई के साथ शुरू कर दिया गया था। पेड़ टूटने से तार और लाइनें टूटी थी, जिन्हें तत्काल ही ठीक किया गया। -दधीचि रेवाडिया, कार्यपालन यंत्री बिजली कंपनी, उज्जैन

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