शादी कारोबारियों में मायूसी, अनलॉक में भी नहीं मिलेगा व्यवसाय का अवसर

उज्जैन, (हरिओम राय) अग्निपथ। इन दिनों शहर का एक बड़ा सेवा प्रदाय समूह संकट के दौर में है। लगातार दूसरे वर्ष भी कारोबार ठप होने से शादी समारोह से जुड़े व्यापारी व परिवारजनों के सामने पेट भरने के भी लाले पड़ रहे हैं। कोरोना कॉल में अनलॉक होने जा रहे बाजार में भी इनका व्यापार-व्यवसाय ठप रहेगा और मुहुर्त नहीं होने के कारण आने वाले छह महीने भी कारोबार ठप ही रहेगा।

अनलॉक 1 जून से शुरू हो रहा है। ऐसे में प्रत्येक व्यापारी धंधा खुलने की आस लगाए बैठा है। लेकिन एक वर्ग ऐसा भी है जो पिछले दो साल से हाथ पर हाथ धरे बैठा है और लाखों का कर्जदार हो गया है और इस अनलॉक में उन्हें काम मिलने के आसार नहीं है। यह वर्ग शादी कार्यक्रमों से जुड़ा व्यापारी है। अनलॉक में शासन ने सिर्फ २० लोगों की मौजूदगी में शादी की अनुमति दी है। इस कारण इनका व्यवसाय फिलहाल ठप ही रहेगा।

कमाई के दिनों में प्रतिबंध

पिछले वर्ष २०२० में भी शादियों का सीजन शुरू होने के पहले मार्च में लॉकडाउन लगा था जो जून तक रहा। इस बीच मुहुर्त खत्म हो गए। शादियां नवंबर में देवउठनी ग्यारस से शुरू हुई, तब तक कोरोना का प्रकोप फिर भी बढ़ा और मात्र २० लोगों की मौजूदगी में शादी का फरमान जारी हुआ।

इसके बाद दिसंबर २०२० व जनवरी, फरवरी व मार्च २०२१ में शादियों के मुहुर्त नहीं थे। अप्रैल, मई में फिर लॉकडाउन लग गया और प्रतिबंध के कारण शादियां नहीं हो पाई। इस कारण व्यापार नहीं हुआ। दो साल से खाली बैठा व्यापारी व सेवा प्रदाताओं का यह समूह अब बुरी तरह आर्थिक संकट से जूझ रहा है। कई परिवारों में तो अब फाके की स्थिति है।

ये व्यापारी वर्ग है प्रभावित

शादियों का सीजन ठप होने से टेंट, गार्डन, मांगलिक परिसर, हलवाई, कैटरर्स, वेटर, बैंड-बाजा, घोड़ीवाले, लाइट डेकोरेशन, पत्रिका कारोबारी सहित बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। जिन्हें तुरंत राहत की दरकार है। इनके अलावा कपड़ा, गहना, ब्यूटी पार्लर, आदि भी प्रभावित हुए हैं।

एक नजर: 300 करोड़ का व्यापार प्रभावित

  • पिछले दो महीने में शहर में लगभग ६००० शादियां निरस्त।
  • शादियों से जुड़ा ३०० करोड़ का व्यापार प्रभावित।
  • २० हजार परिवारों के समक्ष रोजी-रोटी का संकट, इनमें से ८५ प्रतिशत परिवारों को तो खाने के भी लाले।
  • अगला सीजन १५ नवंबर बाद, तब होगा कारोबार शुरू, तब तक कामकाज ठप।

सरकार से है कई राहतों की दरकार

  • शादी समारोह में २०० लोगों के शामिल होने की अनुमति मिले। गार्डन की क्षमता के मुताबिक संख्या तय की जाए।
  • अप्रैल, मई के कार्यक्रमों के लिए एडवांस बुकिंग राशि आगामी कार्यक्रम में समायोजन की जाए।
  • शादी कारोबारियों को बैंक लोन किश्त में अगले १० महीने की छूट मिले।
  • दुकान, गोदाम, गार्डन, मांगलिक परिसर को बिजली बिल, कचरा संग्रहण व संपत्तिकर में छूट मिले
  • ५ लाख रुपए तक का त्वरित लोन बिना गारंटी दिया जाए।
  • किराए की जमीन पर बने गार्डन, परिसर को किराए में दूट मिले व कोरोना काल जितना समय आगे समायोजित किया जाए।

इनका कहना

गार्डन-परिसर की क्षमता के मान से गाइड लाइन बनाएं

हम लगातार समस्याएं उठा रहे हैं। शासन-प्रशासन हमारी उपेक्षा कर रहा है। दो साल से व्यापार ठप है। कई लोगों के घर में खाने के लाले पड़ गए हैं। मजदूर वर्ग तो बुरी तरह प्रभावित है। हमने कलेक्टर व जनप्रतिनिधियों के समक्षअपनी बात पहुंचाई है। शासन शादियों में लोगों संख्या बढ़ाए और गार्डन-परिसर की क्षमता के मुताबिक लोगों की मौजूदगी में शादियों की गाइड लाइन बनाई जाए।
– ओमप्रकाश गेहलोत, जिला अध्यक्ष, महाकाल टेंट-गार्डन-मंडप व्यवसायी संघ

प्रधानमंत्री को मांग पत्र भेजा, उम्मीद है सुनवाई जरूर होगी

हमने माननीय प्रधानमंत्री, यशस्वी मुख्यमंत्री और प्रदेश के गृह मंत्री को टेंट व्यवसायियों की समस्याएं और मांग पत्र भेजा है। जिसमें टेंट कारोबारियों को मिलने वाली राहत, शादियों में जरूरी छूट आदि का विस्तार से विवरण है। हमें उम्मीद है सरकार हमारी समस्याएं भी समझेगी। – आशीष मल्होत्रा, प्रदेश सचिव, फेडरेशन ऑफ मप्र टेंट एसोसिएशन

शादियों में मेहमानों की संख्या 200 करें

शासन ने मात्र 20 लोगों की उपस्थिति में शादी करने का नियम लागू किया है। मेहमानों की संख्या कम से कम 200 तो होना चाहिए। ऐसे में जून-जुलाई महीने के चंद मुहुतों पर व्यवसायी नाममात्र का व्यवसाय कर सकते हैं जो कि बंद व्यापार के लिए सिर्फ ऑक्सीजन साबित होगा। – समीर खान, सचिव, उज्जैन टेंट हाउस एसोसिएशन

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