प्रशासन और मैरिज गार्डन व होटल संचालकों के बीच इन दिनों लकीरें खिंच गयी है। प्रशासन ने बीते दिन बैठक कर मैरिज गार्डन व होटल संचालकों को स्पष्ट कह दिया कि जिस जिस की अग्रिम राशि जमा है उसे तुरंत राशि वापस कर दी जाये। यह निर्णय सिर्फ उज्जैन जिले में लागू किया गया है।
यह निर्णय लागू किये जाने के पीछे भी एक राजनीतिक कारण बताया जा रहा है। एक राजनैतिक संगठन के अनुवांषिक संगठन के एक पदाधिकारी ने अपने वहां आयोजित विवाह समारोह के लिये होटल बुक की थी। हरिफाटक ब्रिज के समीप स्थित यह होटल एक अल्पसंख्यक की है।
अल्पसंख्यक होटल संचालक ने अनुवाषिक संगठन के पदाधिकारी को राशि देने से इंकार नहीं किया। किन्तु राशि वापस देने के लिये उन्होंने छह माह का लंबा समय मांग लिया। लगभग चार लाख रुपये का यह विवाद पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष पहुंचा। अल्पसंख्यक होटल संचालक आखिरी तक इसी बात पर अड़े रहे कि वह अभी राशि लौटाने की स्थिति में नहीं हैं।
वहीं जिसकी राशि जमा थी वह हाथों हाथ वापसी चाहते थे। आने वाले दिनों में इस तरह की शिकायतें पुलिस और प्रशासन के समक्ष बढऩे वाली थी। इसी के चलते पुलिस और प्रशासन ने तुरंत बैठक कर निर्णय सुना दिया। एक विवाद होटल संचालकों और मैरिज गार्डन वालों के लिये अब समस्या बन गया है।