अनाधिकृत पंडे-पुजारी भी कर रहे महाकाल मंदिर में प्रवेश

रोज 50 तक पहुंच रही प्रवेश करने वालों की संख्या, रजिस्टर में लिखा जा रहा नाम और समय

उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धालु द्वारा प्रवेश के मामले के बाद मंदिर प्रशासक द्वारा औचक निरीक्षण कर किसी भी व्यक्ति के अनाधिकृत प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया था। लेकिन अधिकृत और अनाधिकृत पंडे-पुजारियों, पुरोहितों और इनके सहायकों में भेद नहीं किए जाने के कारण बड़ी संख्या में प्रवेश कार्यक्रम चल रहा है।

प्रशासक द्वारा दिए गए आदेश के तहत केवल पारंपरिक पूजन करने वाले अधिकृत पंडे पुजारी और पुरोहित ही मंदिर में प्रवेश कर पाएंगे। लेकिन हो रहा ठीक इसके विपरीत। वहीं महाकालेश्वर मंदिर 15 जून से खोले जाने को लेकर मंदिर गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म है।

विगत 27 मई को मंदिर में एक दानदाता के द्वारा नैवेद्य द्वार से होते हुए गर्भगृह की चौखट से दर्शन कर लिए गए थे। उस दौरान मंदिर में आम दर्शनार्थियों का प्रवेश वर्जित था और शहर में जनता कफ्र्यू जारी था। मंदिर में लॉकडाउन आज भी जारी है। किसी ने इसकी शिकायत तत्कालीन कार्यकारी प्रशासक जितेंद्र सिंह चौहान से कर दी थी। जिसके चलते मंदिर के गर्भगृह निरीक्षक और एक कर्मचारी की 1 जून को सेवा समाप्त कर दी गई थी।

इसी दिन मंदिर प्रशासक नरेंद्र सूर्यवंशी वापस काम पर लौटे तो उनको मामले की जानकारी हुई और उन्होंने तत्काल मंदिर के सभी गेटों का निरीक्षण कर सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल से इनको बंद करवाने और केवल महाकाल प्रवचन हाल गेट से प्रवेश देने के निर्देश प्रदान किए थे।

निर्देशों के अनुसार केवल अधिकृत पंडे पुजारी या उनके सहायक ही मंदिर में प्रवेश कर सकेंगे। बाकी किसी को भी मंदिर के अंदर प्रवेश के अनुमति नहीं होगी। कलेक्टर और उनके आदेश के बाद ही किसी अन्य को मंदिर में प्रवेश दिया जा सकेगा।

प्रतिदिन 50 लोगों का प्रवेश

2 जून से महाकाल प्रवचन हॉल गेट पर मंदिर कर्मचारी को नियुक्त कर रजिस्टर संधारण करवाया जा रहा है। जिसमें पंडे पुजारी, पुरोहित अथवा उनके सहायकों के नाम और आने जाने का समय नोट किया जा रहा है। प्रतिदिन लगभग 50 लोग मंदिर में प्रवेश कर रहे हैं। इनमें अनाधिकृत पंडे पुजारी, पुरोहित और इनके सहायक भी शामिल हैं। इनके अलावा मंदिर कर्मचारी, सुरक्षाकर्मी, सफाई कर्मी और अखाड़े के महंत के खानसामे भी शामिल हैं।

मंदिर के अंदर छोटे मंदिर होने के कारण इनकी पूजा और साफ सफाई करने के लिए भी पुजारी पुरोहित मंदिर आ रहे हैं। ऐसे में इनकी संख्या बढ़ रही है। इनमें ऐसे भी हैं जोकि केवल भगवान महाकाल को जल चढ़ाने आ रहे हैं।

अधिकृत और अनाधिकृत कौन

मंदिर में अधिकृत और अनाधिकृत के बीच का अंतर स्पष्ट नहीं होने के कारण अधिकांश पंडे पुजारी, पुरोहित और इनके सहायक भी मंदिर में प्रवेश कर रहे हैं। नियमानुसार अधिकृत लोगों की सूची महाकाल प्रवचन हॉल में बैठे कर्मचारी के पास होना चाहिए। किसी के नहीं आने पर इनके सहायकों को प्रवेश करने के लिए चिट्ठी मुहैया कराई जाना चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं किया जाकर बिना रोकटोक सभी का प्रवेश चल रहा है।

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