नई दिल्ली। कांग्रेस में गांधी परिवार के बेहद करीबी माने जाने वाले मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गुरुवार को दिल्ली में पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। सोनिया के आवास पर हुई बैठक में यूपी महासचिव प्रियंका गांधी भी मौजूद थीं। सूत्रों की मानें तो कलमनाथ को पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है।
कमलनाथ की पार्टी में अच्छी पकड़ है और वरिष्ठ नेताओं से भी अच्छे संबंध हैं। 2002 में उन्हें कांग्रेस पार्टी का महासचिव बनाया गया था। लंबे समय से गांधी परिवार के साथ घनिष्टता रखने वाले कमलाथ राहुल गांधी के भी पसंदीदा नेताओं में गिने जाते हैं। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा से 9 बार के लोकसभा सांसद रहे कमलनाथ को 2018 में प्रदेश का मुख्यमंत्री भी बनाया गया। हालांकि, ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत के बाद मार्च 2020 में कमलनाथ की सरकार गिर गई और एक बार फिर बीजेपी ने सत्ता हासिल कर ली।
कमलनाथ को कमान सौंपकर एक तीर से दो निशानें लगाएंगी सोनिया?
कांग्रेस पार्टी का एक खेमा 2019 के बाद से ही राहुल गांधी को दोबारा अध्यक्ष बनाए जाने की मांग करता रहा है, लेकिन खुद राहुल इसके लिए राजी नहीं हैं। सोनिया गांधी स्वास्थ्य संबंधी कारणों की वजह से पार्टी में बहुत अधिक सक्रिय नहीं हैं। इस बीच पार्टी में करीब दो दर्जन नेता अब खुलकर संगठन चुनाव की मांग कर रहे हैं। कई तो परोक्ष रूप से यह भी कहते हैं कि पार्टी की बागडोर अब गांधी परिवार से बाहर के व्यक्ति को मिलनी चाहिए। ऐसे में सोनिया गांधी कमलनाथ को अध्यक्ष बनाकर एक तीर से कई निशाने साध सकती हैं। कमलनाथ गांधी परिवार के प्रति बेहद वफादार हैं और इस तरह परोक्ष रूप से पार्टी पर पकड़ कमजोर नहीं होगी तो दूसरी तरफ बीजेपी के उन आरोपों को भी कुंद किया जा सकता है, जिनमें कहा जाता है कि कांग्रेस पर एक परिवार का कब्जा है।