60 दिन बाद भी सोयाबीन में अफलन,  आखिर सरकार कब लेंगी किसानों की सुध

एसडीएम को किसानों ने सौंपा ज्ञापन

जावरा, अग्निपथ। क्षेत्र में किसान इन दिनों अपनी सोयाबीन की फसल खराब होने के कारण परेशान हैं। किसानों ने बताया कि वर्तमान में सोयाबीन के पौधे तो अच्छे बड़े हो गए है किन्तु अफलन ने चिंताएं बढ़ा दी है। सोयाबीन की फसल में अभी तक ना तो फूल आए है और ना ही फलिया लग रही है। जिसके कारण कृषक को कुछ भी समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर उन्हें क्या करना चाहिए।

सोमवार को सैकड़ों की तादाद में किसान जावरा एसडीएम कार्यालय पहुँचे और धरना प्रदर्शन के साथ ही फसलों के सर्वे की मांग की गई। 60 दिन की सोयाबीन की फ़सल होने के बाद भी अफ़लन की स्थिति बनी हुई है। जिससे किसान काफ़ी चिंतित है। काफी समय तक एसडीएम को ज्ञापन देने के लिए इंतजार करते हुए किसानों ने नारेबाजी की और जब एसडीएम मौके पर नहीं पहुँचे और किसानों को जानकारी लगी की एसडीएम जनपद पंचायत में है तो किसान रैली निकालते हुए जनपद पंचायत पहुँचे जहां पर किसानों द्वारा एसडीएम को ज्ञापन दिया।

किसानों की मांग

सोयाबीन की फ़सल में अफ़लन और पीला मोजक की बीमारी की वजह से फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है। इसका सर्वे करवाकर फ़सल बीमा का लाभ दिलवाया जाए। वर्तमान में सोयाबीन की फ़सल लगभग 60 दिन की हो गई है। लागत पूरी लगा दी गई है अब मात्र कटाई बाकी है और अब यह बीमारी आ गई जिसका आंकलन भी कृषि वैज्ञानिकों ने कर लिया है। जावरा विधानसभा क्षेत्र का एक भी गाँव इस बीमारी से वंचित नहीं रहा है। इसलिए तत्काल प्रभाव से सर्वे करवाया जाए और फसल बीमा का लाभ दिलाया जाए।

पीली पड़ रही है फ़सल

कीटनाशक दवाओं का भी नहीं हो रहा है। असर खेतों में सोयाबीन पीली पडक़र सूख रही है तथा फूल और फल भी नहीं आ रहे है। किसान अब मौसमी बीमारियों को लेकर भी चिंतित है। खेतों में सोयाबीन फसल खराब हो रही है। कहीं अफलन की स्थिति है तो कहीं पीली होकर सूख रही है। कुछ स्थानों पर तो फलियां ही गिरने लगी है। समूचे जावरा विधानसभा में इस प्रकार की स्थिति बनी हुई है। किसानों द्वारा फसलों का उपचार भी किया जा रहा है फिर भी इससे फायदा नहीं हो रहा है। पीला मोजक, इल्ली सहित मच्छरों के प्रकोप से फसलें खराब हो रही है।

फसलों की स्थिति को देखते हुए लागत निकालना भी मुश्किल होगा। किसानों को अपनी फसल नष्ट करने पर विवश होना पड़ेगा। यदि ऐसा होता है तो किसानों को बड़ी नुकसानी का सामना करना पड़ेगा। सोयाबीन की खराब हो चुकी फसल में अब किसानों को मजबूरी में मवेशी चराने पड़ रहे है।

इनका कहना

किसानों ने ज्ञापन दिया है। जिसमें बताया गया कि भारी बारिश के कारण फसल में अफलन की समस्या आ रही है। सर्वे करवा कर नुकसान का आंकलन कराया जाएगा। नुकसानी का बीमा कम्पनी जितना मुवावजा देगी वो दिलवाया जाएगा। -हिमांशु प्रजापति, एसडीएम जावरा

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