रेल रोको आंदोलन: रेलवे स्टेशन के गेट तक पहुंचे किसान, समझाइश के बाद टाला आंदोलन

Dewas Rail roko andolan

देवास, अग्निपथ। लखीमपुर हिंसा के बाद संयुक्त किसान मोर्चा के आव्हान पर देशभर में किसानों द्वारा रेल रोको आंदोलन किया गया। जिसके अंतर्गत सोमवार को देवास रेलवे स्टेशन पर जिलेभर के किसान राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ एवं आल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन के नेतृत्व में पहुंचे और धरना प्रदर्शन करते हुए जमकर नारेबाजी की।

राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के जिलाध्यक्ष गगन सिंह पटेल ने बताया कि जिले से बड़ी तादाद में किसान रेल्वे स्टेशन पहुंचे और पहले बेरिकेट्स को हटाकर आगे बढ़े तो पुलिस प्रशासन ने रोकने का प्रयास किया। फिर भी किसानों का जत्था रेल्वे स्टेशन के गेट तक पहुंच गया। किसानों ने करीब आधे घंटे नारेबाजी के बाद नायब तहसीलदार प्रवीण पाटीदार एवं रेलवे अधिकारी मौके पर पहुंचे और किसानों से बातचीत कर समझाया। तब जाकर किसानों का आंदोलन समाप्त हुआ।

इसके बाद किसानों ने तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा। इस अवसर पर प्रदेश मंत्री त्रिलोक गोठी, लालसिंह बागवान, मानसिंह कोठारी, कैलाश चौधरी, बाबूलाल पाटीदार, राजेन्द्र नाहर, हरीसिंह धाकड़, संतोष जाट, राजेश कंठाली, रविन्द्र चौधरी, विनोद प्रजापति, इंद्रसेनराव निमोणकर, कमल भंडारी, मूलचंद जाट, मांगीलाल जाट, बनेसिंह गुड्डू, विजेन्द्र सिंह सेंधव, भादर सिंह सेंधव, अर्जुन प्रजापति, मोंटी ठाकुर सहित बड़ी संख्या में किसानों ने आंदोलन में हिस्सा लिया। उक्त जानकारी जिला मीडिया प्रभारी संदीप प्रजापति ने दी।

ज्ञापन में उठाये ये मुद्दे

लखीमपुर खीरी मामले के आरोपियों को फांसी की सजा दी जाए। देवास जिले में किसानों को खाद नहीं मिल रहा है, जबकि इसकी खुलेआम कालाबाजारी हो रही है।
सरकार द्वारा लागू किए तीन कृषि कानून लागू के विरोध में लाखों किसान पिछले दस महीने से संघर्ष कर रहे हैं व 600 से ज्यादा किसान शहीद हो गए हैं, लेकिन सरकार द्वारा किसानों की मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा है।

सरकार द्वारा बिजली बिल- 2021 लागू किया जा रहा है जो बिजली के निजीकरण को बढ़ावा देगा। सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण किया जा रहा है। जिसका सीधा असर आम जनता पर पड़ेगा। वहीं दूसरी ओर श्रम कानूनों में संशोधन करके मजदूरों के अधिकारों का भी हनन किया जा रहा है। महंगाई भी चरम पर है, किसानों की फसले कम दामों बिक रही है।

कृषि विरोधी तीनों कृषि कानून वापिस लिए जाए। बिजली संशोधन बिल-2021 रद्द किए जाए। सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण पर रोक लगाई जाए। बढ़ती हुई महंगाई को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाए। सभी फसलों को स्वामीनाथन आयोग सीटू प्लस 50 पर खरीदने की गारंटी दो।

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