कोर्ट ने कहा महिला के विरुद्ध अपराध से प्रभावित होता है समाज
उज्जैन,अग्निपथ। तराना कोर्ट ने गुरुवार को नाबालिग से अपहरण व दुष्कर्म के करीब दो साल पुराने प्रकरण में फैसला सुनाया। न्यायालय ने दोषी को 20 साल की कठोर सजा सुनाई है। खास बात यह है कि पीडि़ता द्वारा आरोपी के पक्ष में बयान देने पर कोर्ट ने दूसरी बार उसके बयान लेकर सजा सुनाई अैार टिप्पणी कर कहा कि महिला के विरुद्ध अपराध से पूरा समाज प्रभावित होता है।
तराना निवासी बालिका 3 जून 2019 को शाम घर से लापता हो गई थी। काफी तलाश के बाद भी नहीं मिलने पर पिता ने अपहरण की शंका जताते हुए केस दर्ज कराया था। खोजबीन के बाद पुलिस ने उज्जैन निवासी महेश पिता प्रकाशचन्द्र को पकडक़र किशोरी को बरामद किया था।
उसने बताया था कि महेश उसे बरगलाकर ले गया और दुष्कर्म किया। मामले में पुलिस ने अपहरण, दुष्कर्म और पाक्सो एक्ट में केस दर्ज किया था। मामले में सुनवाई के दौरान पीडि़ता ने आरोपी के पक्ष में बयान दे दिए।
इस पर मामले में शासन की ओर से पैरवी कर रहे अपर लोक अभियोजक विशाल गुप्ता ने पीडि़ता के कोर्ट में दोबारा बयान दर्ज करवाए। मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद गुरुवार को तराना के अपर सत्र न्यायाधीश एससी पाल ने फैसला सुनाया।
उन्होंने महेश को दोषी सिद्ध होने पर 20 वर्ष कठोर कारावास व दो हजार रुपए अर्थदंड दिया। प्रकरण की जानकारी उपसंचालक अभियोजन डॉ.साकेत व्यास ने दी।
ऐसे हुई थी घटना
घटना वाले दिन किसान पत्नी के साथ सुबह से खेत पर गया था। शाम को लौटा तो छोटी बेटी नहीं दिखी। बड़ी बेटी ने बताया वह घर से लापता हो गई। बालिका के नहंी मिलने से गांव में हडक़ंप मच गया था। परिजनों ने अज्ञात के खिलाफ अपहरण का केस दर्ज कराया था।
सनसनीखेज घटना होने पर पुलिस ने पड़ताल की तो महेश की करतूत सामने आई थी और उसके पकड़ाते ही पूरा मामला साफ हो गया था।
उदारता की अर्जी खारिज
कड़ी सजा होने पर दोषी महेश ने कोर्ट से निवेदन किया कि उससे पहली बार अपराध हुआ है इसलिए न्यूनतम सजा दी जाए। इस पर कोर्ट ने कहा कि महिलाओं के विरूद्ध अपराध सामान्य नही होते है वह पूरे समाज को प्रभावित करते है। इसलिए दोषी उदारता का अधिकारी नही है।
महिला मजदूर से दुष्कर्म करने वाले को 10 साल कैद
उज्जैन,अग्निपथ। काम के बहाने महिला मजदूर के साथ युवक ने दुष्कर्म कर डाला था। करीब तीन साल पहले हुई घटना में गुरुवार को कोर्ट ने फैसला सुनाया। न्यायालय ने दोषी को 10 साल की सजा और अर्थदंड दिया है।
बडऩगर में गोविंद पिता रामगोपाल के यहा 6 अगस्त.2018 को महिला मजदूरी करने गई थी। गोविंद ने उसे लहसुन का टोकरा घर में डालने का कहा। वह घर में गई तो गोविंद ने उसके साथ दुष्कर्म कर किसी को बताने पर पति को जान से मारवाने की धमकी दी थी।
पीडि़ता ने घटना के दो दिन बाद 9 अगस्त को पति को घटना बताई और दोनों ने जाकर केस दर्ज कराया। मामले में पुलिस ने गोविंद को गिरफ्तार कर कोर्ट में चालान पेश किया। मामले में अब तक की सुनवाई के बाद गुरुवार को बडऩगर के अपर सत्र न्यायाधीश सुनील मालवीय ने फैसला सुनाया।
उन्होंने गोविंद को दोषी सिद्ध होने पर 10 वर्ष सश्रम कारावास व दो हजार अर्थदंड दिया। प्रकरण में शासन की ओर से एजीपी कलीम खान ने पैरवी पैरवी की। मुकदमे की जानकारी उपसंचालक अभियोजन डॉ. साकेत व्यास ने दी।